मुम्बई: पिछले कुछ वर्षों से बॉलीवुड (Bollywood) में वास्तव में कुछ अलग और हटकर फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है। आज दर्शक वर्ल्ड सिनेमा से भलीभांति परिचित हैं ऐसे में उन्हें नई कहानियां, नया नरेशन स्टाइल चाहिए और इस सप्ताह रिलीज हुई रवि किशन (Ravi Kishan) की मुख्य भूमिका वाली लेखक निर्देशक शिवराज देवल की हिंदी फिल्म “सबवे” (Subway) वाकई एक दिलचस्प और रोमांचक सिनेमा है। फ़िल्म में रोमांच, रोमांस, कॉमेडी और दमदार संवाद का खूबसूरत मिश्रण है।
फिल्म ‘सबवे’ की कहानी तीन दोस्तों विशाल, होशियार और राजा की है जो शाम की पार्टी का मज़ा लेने के लिए छोटी-मोटी चोरी हाइवे पर करते हैं। फ़िल्म का पहला दृश्य इसी घटना से शुरू होता है कि यह तीनों कार की स्टेपनी, म्यूजिक सिस्टम आदि बेचने के लिए एक कार चोरी करने के इरादे से हाईवे पर खड़े होते हैं। एक कार को लेकर जब वह भागते हैं तो पता चलता है कि गाड़ी में एक किडनैप किया हुआ व्यवसायी है। व्यापारी उन तीनो चोरों से कहता है कि मुझे सुरक्षित घर पहुंचा दो, तो वह सभी को बहुत सारे पैसे देगा।
व्यापारी की मदद करने के इरादे से लड़के ऐसा करने के लिए तैयार हो जाते हैं, लेकिन व्यवसायी के घर जाते समय, वे एक रिटायर्ड डकैत, बागी भान सिंह के गढ़ में फंस जाते हैं। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब पता चलता है कि व्यवसायी का अपहरण किसी बदमाश ने नहीं बल्कि उसके सौतेले भाई गुड्डू रस्तोगी ने किया था। बागी भान सिंह यह जानकर बौखला जाता है। वह बिज़नसमैन से वादा करता है कि वह नेता गुड्डू रस्तोगी को अपने तरीके से सजा देगा। क्या ऐसा हो पाता है या नहीं, इसके लिए आपको फ़िल्म सबवे देखनी पड़ेगी।
फ़िल्म में एक रिटायर्ड डकैत की भूमिका को बड़ी शिद्दत से निभाया है रवि किशन ने। वह अब डकैती नहीं करते, उनका मन बदल गया है वह सोशल वर्क करते हैं। फ़िल्म में उनका काफी मजबूत और दमदार किरदार है, जिसे उन्होंने अपनी नेचुरल एक्टिंग से जीवित कर दिया है। विशाल विशेष ने पहली फ़िल्म के अनुसार बेहतर काम किया है। हीरोइन नाजुक पिक्चर में बेहद क्यूट और नाजुक नजर आई हैं। विशाल के साथ उनका रोमांटिक सांग दिल को सुकून पहुंचाता है।
फ़िल्म सबवे के लेखक निर्देशक शिवराज देवल की यह पहली फ़िल्म है, मगर वह अपने प्रथम प्रयास में कामयाब नजर आते हैं। इतने सारे किरदारों, घटनाक्रम को उन्होंने बखूबी जोड़ा है और एक बेहद प्रभावी कहानी पिरोई है। एक्टर्स से भी उन्होंने अच्छा काम ले लिया है।
फ़िल्म में चार अलग अलग प्रकार के गीत हैं। जी म्युज़िक से रिलीज गाने के संगीतकार हर्ष राज हर्ष हैं जबकि गीतकार फैज अनवार हैं। गाने जावेद अली, मोहम्मद इरफान, पलक मुच्छल, ऋतु पाठक और नक्काश अज़ीज़ की आवाज़ में हैं। सभी गीत सिचुएशनल हैं और कहानी को आगे बढाते हुए प्रतीत होते हैं।
जगत जननी एंटरटेनमेंट और गेट्स फ़िल्म एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी फ़िल्म की निर्मात्री शारदा त्रिपाठी और को प्रोड्यूसर भगवती देवल व संतोष त्रिपाठी हैं। फ़िल्म का क्लाइमेक्स बेहद नया और जानदार है। फ़िल्म एक बार देखने लायक है।