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जूड पीटर डेमियन की ‘षष्ठी’ ने 59वी फिल्म समारोहों में अपनी जगह बनाई

कहते है कि रचनात्मक दिमाग हमेशा रचनात्मकता के साथ दुनिया को बदलने की इच्छा रखता है। आईट्यून्स और गूगल प्ले पर रिलीज के साथ जनता का ध्यान आकर्षित करनेवाली, ‘षष्ठी’ (Shasthi) एक ऐसे शानदार रचनात्मक दिमाग के निर्माता और निर्देशक जूड पीटर डेमियन का सिनेमाई आश्चर्य है, जो पहले ही 25 पुरस्कार जीत चुके हैं और 59 फिल्म समारोहों (Film Festival) में जा चुके हैं।

मुम्बई: कहते है कि रचनात्मक दिमाग हमेशा रचनात्मकता के साथ दुनिया को बदलने की इच्छा रखता है। आईट्यून्स और गूगल प्ले पर रिलीज के साथ जनता का ध्यान आकर्षित करनेवाली, ‘षष्ठी’ (Shasthi) एक ऐसे शानदार रचनात्मक दिमाग के निर्माता और निर्देशक जूड पीटर डेमियन का सिनेमाई आश्चर्य है, जो पहले ही 25 पुरस्कार जीत चुके हैं और 59 फिल्म समारोहों (Film Festival) में जा चुके हैं। इसके अलावा, इस लघु फिल्म को बनाने के लिए जूड की जीवन यात्रा और भी दिलचस्प है जो हमें एक साक्षात्कार के दौरान देखने को मिली।

चेन्नई में एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में अपने जीवन के 30 वर्ष लगाने के बाद, सीए से फिल्म निर्माता बने जूड फिल्म निर्माण में रुचि रखते है, वह खुद को उन सभी के समान मानते हैं जो फिल्मों के साथ जुड़ना चाहते हैं, लेकिन जो चीज उन्हें सबसे अलग करती है, वह है उनकी पुरस्कार विजेता लघु फिल्म, षष्ठी। जहां जूड ने फिल्म निर्देशन में एक कोर्स किया, वहीं षष्ठी उनकी पहली रचना है। जहां जूड को कहानी और पटकथा पर विचार करने में एक साल का समय लगा, वहीं वह एक हफ्ते से भी कम समय में फिल्म की शूटिंग पूरी करने में सफल रहे।

जबकि एक निर्देशक के रूप में जूड अपनी फिल्म मेकिंग की कला को लेकर हमेशा “अच्छे चरित्रों” को प्रदर्शित करने वाली फिल्में बनाना चाहते थे, जो समाज के लिए, विशेष रूप से विकासशील राष्ट्रों / समाजों के लिए उदाहरण होंगे, और षष्ठी उनकी विचारधाराओं का एक आदर्श प्रतिबिंब है। जबकि फिल्म एक दिलचस्प कहानी देवी के बारे में हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि की एक महिला हैं, जो इस हद तक बदल जाती है कि वह बच्चों की देवी “शष्टी” में परिवर्तित हो जाती है। विभिन्न परिस्थितिया ज्ञात होने पर फिल्म की धारणाओं में बदलाव देखने को मिलता हैं।

षष्ठी के पटकथा लेखक, निर्माता और निर्देशक जूड पीटर डेमियन हैं। इसमें कलाकार होंगे, सेमलार अन्नम, जेफरी जेम्स, लिसी एंटनी, एस.के. गायत्री और हेरीज़ मूसा।