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Surya Dev को अर्घ्य दें तो इन बातों का रखें खास ध्यान

यदि आपको सूर्य भगवान (Surya Bhagwan) के दर्शन न हो तो रोज की तरह पूर्व दिशा में मुँह करके किसी शुद्ध स्थान पर आप जल अर्पित कर सकते है। लेकिन जिस रास्ते से लोगों का आना-जाना हो, वहां भूल कर भी जल अर्पित न करे। अर्घ्य देते समय इन बातों का रखें ध्यान जल अर्पण […]

यदि आपको सूर्य भगवान (Surya Bhagwan) के दर्शन न हो तो रोज की तरह पूर्व दिशा में मुँह करके किसी शुद्ध स्थान पर आप जल अर्पित कर सकते है। लेकिन जिस रास्ते से लोगों का आना-जाना हो, वहां भूल कर भी जल अर्पित न करे।

अर्घ्य देते समय इन बातों का रखें ध्यान
जल अर्पण करने के बाद दोनों हाथो से उस भूमि को स्पर्श करे और गला, आंख और कान को छूकर सूर्य देव (Surya Dev) को झुक कर प्रणाम करे।इसके साथ ही अर्घ्य देते समय आपको किसी एक सूर्य मंत्र का मन ही मन में उच्चारण जरूर करना चाहिए फिर दाहिने हाथ में जल लेकर उसे चारो तरफ छिड़कना चाहिए।

अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जाप करें
इसके बाद जहां आप खड़े होकर जल अर्पित कर रहे है, उसी स्थान पर तीन बार घूम कर परिक्रमा कर ले और जहां खड़े होकर सूर्य देव की पूजा की है वहां प्रणाम भी करे। जल अर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें- ॐ सूर्याय नम: ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:

स्वास्थ्य को भी मिलता है लाभ 
जल चढाने का उद्देश्य केवल सूर्य देव को प्रसन्न करना या यश की प्राप्ति करना नहीं है। इससे हमारे स्वास्थ्य को भी लाभ मिलता है। जब सुबह उठ कर ताज़ी हवा और सूर्य की किरणे हमारे शरीर में प्रवेश करती है तो हमारा स्वास्थ्य भी हमेशा सही रहता है। इसके अलावा जब पानी की धारा में से सूर्य को किरणों को देखते है तो हमारी आँखों की रौशनी भी तेज होती है।

बता दे कि सूर्य की किरणों में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। इसलिए जो व्यक्ति सुबह उठ कर सूर्य को जल देता है, वह तेजस्वी बनता है। साथ ही इससे त्वचा में आकषर्ण और चमक आ जाती है। एक तरफ जहाँ पेड़-पौधों को भोजन की प्राप्ति भी सूर्य की किरणों से होती है, वही दूसरी तरफ ऋषि मुनियो का कहना है कि सूर्य हमारे शरीर से हानिकारक तत्वों को नष्ट कर देता है। बस सूर्य को जल अर्पित करते समय इस बात का ध्यान रखे कि इसे कभी भी सीधे न देखे बल्कि जल के बीच में से देखे।

इन बातों का खास ध्यान रखें
इसके इलावा सूर्य को सुबह 7 या 8 बजे तक जल चढ़ा दे, क्योंकि देर से चढ़ाया गया जल हानिकारक भी हो सकता है। इसके साथ ही हमेशा ध्यान रखे कि जल में रक्त चंदन और लाल पुष्प हमेशा डाले। यदि यह न हो तो आप लाल मिर्च के कुछ बीज भी डाल सकते है। यह तंत्र विद्या के काम आते है। अब आप जब भी सूर्य देव को अर्घ्य दे तो इन बातों का खास ध्यान रखे।