नई दिल्लीः आईआईटी जेईई (एडवांस) के संबंध में लिए गए फैसले पर विचार करते हुए और पिछले शैक्षणिक वर्ष के बारे में लिए गए फैसले की तर्ज पर शिक्षा मंत्रालय ने एनआईटी, आईआईआईटी, एसपीए और अन्य सीएफटीआई के संबंध में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) के अंतर्गत 75 प्रतिशत अंकों (कक्षा 12 में) की पात्रता शर्त को खत्म कर दिया है। इनमें जेईई (मुख्य) के आधार पर प्रवेश होते हैं।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईआईईएसटी), शिबपुर (पश्चिम बंगाल) और केन्द्र सरकार द्वारा वित्तपोषित अन्य प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएफटीआई- आईआईटी को छोड़कर) के विभिन्न स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा कराई जाने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) में अभ्यर्थियों को मिली रैंक या मेरिट के आधार पर दिए जाते हैं।
आईआईटी/ एनआईटी/ आईआईआईटी और ऐसे अन्य सीएफटी में प्रवेश के पात्रा ऐसे अभ्यर्थी, जिनके प्रवेश जेईई रैंक के आधार पर हैं, उनके 12वीं कक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक आने चाहिए या संबंधित बोर्ड द्वारा कराई गई 12वीं कक्षा की परीक्षा में शीर्ष 20 में होना चाहिए। एससी/ एसटी विद्यार्थियों के लिए 12वीं कक्षा की परीक्षा में पात्रता अंक 65 प्रतिशत हैं।
जेईई (एडवांस) परीक्षा की तारीख घोषित करते हुए, शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों को सहूलियत देने के लिए शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में प्रवेश के लिए 75 अंकों (कक्षा 12 की परीक्षा) की पात्रता शर्त से छूट देने की घोषणा की है।
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