नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीराज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह नेआज कहा कि जम्मू तेजी से उत्तर भारत केशिक्षा के केंद्र (एजुकेशन हब) के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप व उदारता और उनके जम्मू और कश्मीर के साथ-साथ पूर्वोत्तर व लद्दाख को दी गई उच्च प्राथमिकता के चलते संभव हुआ है।
आईआईएम, जम्मू की 5 साल की यात्रा केअवसर पर आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोविड के गंभीर प्रभावों के बावजूद संस्थान ने बहुत ही कम समय में अपनी पहचान बनाई है।उन्होंने कहा कि आईआईएम जम्मू, जम्मू और कश्मीर में शिक्षा के क्षेत्र में मोदी सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है और यह समाज के सभी वर्गों की सेवा कर रहा है, चाहे वह क्षेत्रवार हो या लिंगवार या दूसरे तरह से।
डॉ.जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जम्मू एक अग्रणी शिक्षा केंद्र के रूप में उभरा है, जहां हिमाचल प्रदेशऔरपंजाबजैसे पड़ोसी राज्यों के छात्र अकादमिक अवसरऔर संभावनाओं की तलाशकर रहे हैं।उन्होंनेआगेकहा कि आज जम्मू,भारत के प्रमुख संस्थानों के अपने यहां होने को लेकर खुद की प्रशंसा कर सकता है। इनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय जनसंचार संस्थान, एम्स, उन्नत भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान, भद्रवाहस्थितराष्ट्रीय उच्चक्षेत्र चिकित्सा संस्थान, कठुआ में औद्योगिक बायोटेक पार्कऔर जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय मेंउत्तर भारत का पहला अंतरिक्ष केंद्र आदि हैं।उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा केंद्र से वित्त पोषित आधा दर्जन से अधिक सरकारी मेडिकल कॉलेज, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) वित्त पोषित इंजीनियरिंग कॉलेज, आयुर्वेदिक कॉलेज, आने वाले दिनों में एक होम्योपैथिक कॉलेज और जम्मू प्रांत में केंद्रीय विद्यालयों की एक श्रृंखला आज एक वास्तविकता है।
डॉ.जितेन्द्र सिंह ने कहा किजल्द ही जम्मू में 25,000 करोड़ रुपये का भारी औद्योगिक निवेश होगा औरयहअधिकतर स्वास्थ्य क्षेत्र मेंहोगा, इस तरह क्षेत्र के युवाओं वआईआईएम छात्रों के लिए भी बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर खुल रहे हैं।हालांकि, उन्होंने उनसे नवाचारस्टार्ट-अप उपक्रमों के माध्यम से नौकरी मांगनेवालेकी जगहनौकरी प्रदाताबनने का आग्रह किया।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहाकिहमें सभी के लिए सरकारी नौकरी पाने की गहरीमानसिकता से बाहर आना होगा, जो विश्वमें कहीं भी संभव या वांछनीय नहीं है।
डॉ.जितेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि 5 अगस्त, 2019 के बाद ऐतिहासिक संवैधानिक परिवर्तन हुए और अकादमिक विकास की बाधाओं को दूर किया गया,जैसाकि पहले की शंकाएं अबनईकानून व्यवस्थाके अस्तित्व में आने के साथ दूर हो गई हैं औरपूरे भारत के विभिन्न क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ शिक्षक समर्पण के साथ जम्मूऔर कश्मीर आने के लिए तैयार हैं।
डॉ.जितेन्द्र सिंह ने संतुष्टिके साथ कहा कि 2016 में 54 छात्रों के एक बैच से शुरू होकरआईआईएम, जम्मू में आज 250 से अधिक छात्र और छह अंतरराष्ट्रीय अनुबंधितप्रोफेसरों सहित 30 प्रख्यात शिक्षकहैं।उन्होंने जगती में 2022 तक भारत में इस तरह के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के समान सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ एक उत्कृष्ट परिसर प्राप्त करने के लिए शिक्षकों और छात्रों की सराहना की।
अपने अध्यक्षीय भाषण मेंबोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईएम, जम्मू के अध्यक्ष डॉ.मिलिंद कांबलेने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि आईआईएम, जम्मू तेजी से प्रगति कर रहा है और उसने अपनी अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान, कार्यकारी शिक्षा और निगमीकृतअंतरराष्ट्रीय जुड़ावों के कारण इतने कम समय में एक उत्कृष्ट प्रतिष्ठा अर्जित की है।उन्होंनेइस बात कोयाद किया कि आईआईएम, लखनऊ ने प्रारंभिक वर्षों के दौरान मेंटरशिप की भूमिका निभाई थी और आज हम अकादमिक अनुभवों को साझा करने वशीर्ष श्रेणी के भारतीय और वैश्विक प्रकाशनों में उच्च महत्वके शोध पत्र प्रकाशित करने के लिए वैश्विक गठजोड़ कर रहे हैं।
अपने संबोधन मेंबोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पूर्व अध्यक्षश्रीराम दांडेकर ने कहाकिनए नवाचार केंद्रोंकी स्थापना के साथआईआईएम, जम्मू को विश्वके बेहतरीन बिजनेस स्कूलों में से एक बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए।
आईआईएम जम्मूके निदेशकप्रोफेसर बी.एस.सहायने अपने स्वागत भाषण मेंकहा कि हमारादृष्टिकोणऐसे नेताओं वउद्यमियों को विकसित करना है जो वैश्विकस्तर पर प्रदर्शन कर सकें और समाज को बहुमूल्य योगदान दे सकें।उन्होंने देश में अपनी तरह का पहला सेंटर ऑफ हैप्पीनेस-आनंदम खोलने पर भी गर्व किया।श्री सहाय ने बताया कि छात्रों और शिक्षकोंके लिए अंतरराष्ट्रीयविनिमय कार्यक्रमों को लेकर 14 समझौता ज्ञापनों (एमओयू)पर हस्ताक्षर किए गए हैं।उन्होंनेकहाकिसंयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए जल्द ही आईआईटी और एम्स जम्मू के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
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