उत्तराखंड (Uttarakhand) में देवी-देवताओं के कई चमत्कारिक मंदिर हैं। इन्हीं में से एक मंदिर गोलू देवता (Golu Devta Mandir) का भी है। गोलू देवता को स्थानीय मान्यताओं में न्याय का देवता कहा जाता है। गोलू मंदिर दिल्ली से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हालांकि, उत्तराखंड में गोलू देवता के कई मंदिर हैं, लेकिन इनमें से सबसे लोकप्रिय और आस्था का केंद्र अल्मोड़ा जिले में स्थिति चितई गोलू देवता का मंदिर है। इस मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ और लगातार गूंजती घंटों की आवाज से ही गोलू देवता की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
गोलू देवता को स्थानीय संस्कृति में सबसे बड़े और त्वरित न्याय के देवता के तौर पर पूजा जाता है। इन्हें राजवंशी देवता के तौर पर पुकारा जाता है। गोलू देवता को उत्तराखंड में कई नामों से पुकारा जाता है। इनमें से एक नाम गौर भैरव भी है।
गोलू देवता को शिव और कृष्ण दोनों का अवतार माना जाता है। उत्तराखंड ही नहीं बल्कि विदेशों से भी गोलू देवता के इस मंदिर में लोग न्याय मांगने के लिए आते हैं। मंदिर की घंटियों को देखकर ही इस बात का अंदाजा लग जाता है कि यहां मांगी गई किसी भी भक्त की मनोकामना कभी अधूरी नहीं रहती। मंदिर में लाखों अद्भुत घंटे-घंटियों का संग्रह है। इन घंटियों को भक्त मनोकामना पूरी होने पर ही चढ़ाते हैं। चितई गोलू मंदिर में भक्त मन्नत मांगने के लिए चिट्ठी लिखते हैं। इतना ही नहीं कई लोग तो स्टांप पेपर पर लिखकर अपने लिए न्याय मांगते हैं।