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Chaitra Navratri 2022: ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए चैत्र नवरात्रि पर ऐसे करें पूजा

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि (Navratri) नौ दिनों तक मनाई जाती है और नौ ग्रह हैं, नौ हमारी इंद्रियां हैं, नौ उपनिषद हैं और नौ दुर्गा के रूप हैं। मान्यता के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से शरीर स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न रहता है और सभी ग्रह अनुकूल रहते हैं।

Chaitra Navratri 2022: भारत समेत दुनिया भर से मां रानी के भक्त इन दिनों चैत्र नवरात्रि की तैयारी कर रहे हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिनों का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दिन मां दुर्गा के भक्त 9 दिनों तक उनके विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू हो रही है और सोमवार 11 अप्रैल 2022 को समाप्त होगी। रामनवमी 10 अप्रैल को मनाई जाएगी।

शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि (Navratri) नौ दिनों तक मनाई जाती है और नौ ग्रह हैं, नौ हमारी इंद्रियां हैं, नौ उपनिषद हैं और नौ दुर्गा के रूप हैं। मान्यता के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से शरीर स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न रहता है और सभी ग्रह अनुकूल रहते हैं।

नौ ग्रह हैं अनुकूल
नौ ग्रह हैं जो हमारे सभी शुभ और अशुभ के कारक हैं – सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि ये सात प्रत्यक्ष हैं और दो राहु और केतु अप्रत्यक्ष ग्रह हैं। यदि इन नौ ग्रहों में से कोई भी ग्रह आपके लिए प्रतिकूल है तो यह अशुभ फल दे रहा है। तो आप इसे अपने अनुकूल बनाकर शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।

ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए चैत्र नवरात्रि पर ऐसे करें पूजा

सूर्य ग्रह कमजोर हो तो स्वास्थ्य लाभ के लिए शैलपुत्री की पूजा करना लाभकारी होता है।

चंद्रमा के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए नवरात्रि में कुष्मांडा देवी की पूजा करें।

– मंगल के दुष्प्रभाव से बचने के लिए स्कंदमाता की पूजा करें

– बुध ग्रह की शांति और अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए कात्यायनी देवी की पूजा

– बृहस्पति ग्रह की अनुकूलता के लिए महागौरी की पूजा करें

-शुक्र की शुभता के लिए सिद्धिदात्री की पूजा

शनि के दुष्प्रभाव को दूर कर शुभता पाने के लिए कालरात्रि की पूजा

राहु की शुभता प्राप्त करने के लिए ब्रह्मचारिणी की पूजा

केतु के विपरीत प्रभाव को दूर करने के लिए चंद्रघंटा की साधना अनुकूलता देती है।

चैत्र नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये काम

चैत्र नवरात्रि के दौरान केवल सात्विक भोजन करना चाहिए और मांस, मछली और प्याज लहसुन से बचना चाहिए।

नवरात्रि में शराब का सेवन भी वर्जित माना गया है।

व्रत करने वाले परिवार के सदस्यों को चैत्र नवरात्रि के दौरान अपने बाल, दाढ़ी या मूंछ नहीं काटनी चाहिए।

नवरात्रि के दौरान चमड़े की वस्तुओं को दूर रखना चाहिए।

पूजा स्थल पर जाने वाले व्यक्ति को चमड़े की कोई वस्तु नहीं पहननी चाहिए।

चैत्र नवरात्रि पर कभी भी दुर्गा मां की अखंड ज्योति को जलने नहीं देना चाहिए। मां दुर्गा नाराज हो सकती हैं।