सूर्याेदय से निशिथ काल पर्यन्त अष्टमी तिथि के होने से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत वैष्णवों और स्मार्तों सभी के लिए एक दिन हीं मनाया जाएगा। साथ में रोहिणी नक्षत्र सोमवार को होने के कारण सर्वार्थसिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। साथ में हर्षण योग रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में हर्षण योग का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस योग में किये जाने वाले सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और यह सर्वसिद्धिदायक होता है।
शास्त्रों के अनुसार-
अर्द्धरात्रे तु रोहिण्याम्, यदा कृष्णाष्टमी भवेत्।
तस्यामभ्यर्चनं शौरिहन्ति पापो त्रिजन्मजम्॥
अर्थात् अर्ध रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में अगर भाद्रपद कृष्णपक्ष अष्टमी पड़े तो इस समय में भगवान् श्री कृष्ण के पूजन से व्यक्ति समस्त पापों से छूट जाता है, और सभी प्रकार के सुख संपत्ति और मनवांछित फल को प्राप्त करता है।
आचार्य पंडित शुभ दर्शन
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