धर्म-कर्म

इस शिव मंदिर को पांडवों ने एक रात में बनाया था!

सदियों से मौसम की मार झेल रहा यह मंदिर आज भी खड़ा है। पांडवों के बाद आज से लगभग 1000 वर्ष पहले 1060 ईं में राजा मांबाणि ने इस मंदिर का पुनः जीर्णोद्धार करवाया।

मुम्बई के निकट अंबरनाथ (Ambernath) में एक ऐसा मंदिर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यह मंदिर द्वापरकाल में पांडवों ने बनाया था, वह भी मात्र एक ही रात में। स्थानीय लोगों का तो यहां तक कहना है कि यह मंदिर महाभारत काल में ही नही, बल्कि रामायणकाल में भी विद्यमान था। क्योंकि इस मंदिर में एक गुफा है। जिसके बारे में कहते है कि उसका रास्ता सीधे पंचवटी तक जाता है।

द्वापरकाल में जब धर्म की हानि हुई और यह मंदिर टूटे, तब पांडवों ने एक ही रात में इस मंदिर का पुनः जीर्णोद्धार कर दिया। बताया जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव कुछ वर्ष अंबरनाथ में बिताए थे। उसी दौरान उन्होंने विशाल पत्थरों से एक ही रात में इस मंदिर का निर्माण किया था। फिर कौरवों द्वारा लगातार पीछे किए जाने के भय से यह स्थान छोड़कर चले गए। जिससे मंदिर का कार्य पूरा नहीं हो सका।

सदियों से मौसम की मार झेल रहा यह मंदिर आज भी खड़ा है। पांडवों के बाद आज से लगभग 1000 वर्ष पहले 1060 ईं में राजा मांबाणि ने इस मंदिर का पुनः जीर्णोद्धार करवाया।

इस मंदिर पर हुई कारीगरी को तो देखिए, इस मंदिर ओर यहां की मूर्तियों की सुंदरता, और जिस तरह से पत्थरो को सफाई से काटा गया है कि कोई भी व्यक्ति इस कला को देकर केवल बारम्बार हैरान ही हो सकता है। इस मंदिर की प्रशंसा के लिए भी शब्द भी कम पड़ जाते है।

इस मंदिर के बारे में खास मान्यता यह भी है कि जिन लोगो का विवाह नही होता है, वे लोग विशेष रूप से इस मंदिर में जाकर अपने विवाह की प्रार्थनाएं भगवान भोलेनाथ से करते है।