मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर सिहोनिया गांव में स्थित ककनमठ (Kakanmath) ऐसा मंदिर भी है। जहां शाम ढलने के बाद कोई भी नहीं रूकता।
कहा जाता है कि रात में यहां वो नजारा दिखता है, जिसे देखकर किसी भी इंसान की रूह कांप जाएगी। स्थानीय लोग इसे भूतों वाला मंदिर भी कहते हैं।
कहते है कि इस मंदिर (Shiv Mandir) का निर्माण कार्य एक रात में ही भूतों ने किया था लेकिन वे इसे अधूरा छोड़कर ही चले गए थे।
दरअसल, भगवान शिव देव, दानव और भूत-पिशाचों के भी आराध्य हैं, इस कारण वे सभी महादेव को मानते हैं।
इस मंदिर का इतिहास करीब एक साल हजार पुराना है। इस मंदिर का निर्माण कछवाह वंश के राजा ने अपनी प्रिय रानी के लिए करवाया था।
बेजोड़ स्थापत्य कला का उदाहरण
11 वीं शताब्दी का ककनमठ मंदिर आज भी अपनी बेजोड़ स्थापत्य कला को समेटे हुए है। पत्थरों को एक दूसरे से सटा कर बने इस मंदिर के बीचो बीच शिव लिंग स्थापित है। इस मंदिर की विशेषता यह है, की इसके निर्माण में किसी भी चूना या गारा का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
खास बात यह है कि पत्थरों को एक दूसरे से सटा कर 120 फीट ऊंचे इस मंदिर का उपरी सिरा और गर्भ गृह सैकड़ों साल बाद भी सुरक्षित है। इस मंदिर को देखने में लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है। इसके पत्थर हवा में झूलते नजर आते हैं।
लेकिन ककनमठ मंदिर सैकडों सालों से इसी तरह टिका हुआ है यह एक अदभुत करिश्मा है। इसकी एक औऱ ये विशेषता है। कि इस मंदिर के आस पास के सभी मंदिर टूट गए हैं। लेकिन ककनमठ मंदिर आज भी सुरक्षित है।
मंदिर की एक कथा
इस मंदिर को राजा कीर्ति सिंह ने बनवाया था। राजा की पत्नी रानी ककनावती भगवान भोलेनाथ की अनन्य भक्त थीं। उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण कराया था इसलिए इसका नाम ककनमठ मंदिर पड़ा। इस मंदिर की विशेषता हे की यह मंदिर मिट्टी के टीले पर बना हुआ है और 120 फीट ऊंचा है।
ककनमठ स्थित इस मंदिर के दुसरे चरण में जैसे ही हम सीढियों से चढ़ कर ऊपर जाते हैं तो बेजोड़ स्तम्भों का मंडप नुमा दिखाई देगा। गर्भ गृह में शिव लिंग स्थित है। ये अपने आप में अनोखा शिवलिंग है, जहां नंदी महाराज नहीं हैं।
मंदिर को अधूरा बना छोड़कर भाग गए भूत!
बताया जाता है कि भूतों ने इस मंदिर का निर्माण रात में शुरू किया। लेकिन सुबह के वक्त जब गांव की किसी महिला ने आटा पीसने के लिए चक्की चलाई। तो उसकी आवाज सुनकर भूत वहां से भाग गए, और मंदिर का काम अधूरा रह गया।
लोकमत है कि जिस दिन इस मंदिर के सामने से एक साथ 9 काने दुल्हे निकलेंगे, तो उस दिन ये मंदिर खुद ब खुद गायब हो जाएगा। मुरैना में स्थित ककनमठ मंदिर पर्यटकों के लिए विशेष स्थल है। यहां की कला और मंदिर की बड़ी-बड़ी शिलाओं को देख कर पर्यटक भी इस मंदिर की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाते।
मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं की प्रतिमायें पर्यटकों को खजुराहो की याद दिलाती हैं। मगर प्रशासन की उपेक्षा के चलते पर्यटक यदा-कदा यहां आ तो जाते हैं। मगर सुविधाओं के आभाव में खुद को ठगा सा महसूस करते हैं।
मंदिर के बारे में सच क्या है, ये तो ऊपरवाला ही जानता है। मगर बड़े बुजुर्ग कहते हैं, कि इस मंदिर का निर्माण रातों रात भूतो द्वारा किया गया है।