धर्म-कर्म

थाईलैंड में है गणेश जी की सबसे बड़ी मूर्ति

भगवान गणपति की विशाल मूर्ति की स्थापना के लिए पहले इस जमीन पर एक इंटरनेशनल पार्क बनाया गया है। इसे सिटी ऑफ गणेश (City of Ganesh) के नाम से पुकारा जाता है। इस मूर्ति के निर्माण में (2008-2012) पूरे चार साल का समय लगा।

दुखहर्ता, विघ्नहर्ता कहे जाने वाले भगवान गणेश (Lord Ganesha) हिन्दु धर्म के प्रमुख देवता हैं। इनके पूजा के साथ ही कोई भी शुभ कार्य की शुरूआत होती है। छोटे से छोटा बड़े से बड़ा ही कोई कार्यक्रम क्यों न हो इनकी आरती, वंदना और भोग लगाए बिना शुरू नहीं किया जाता है। हर दुःख, पीड़ा और रूकावट को दूर करने की ताकत किसी भगवान में है तो वो हैं श्रीगणेश (Shri Ganesh)। इनके इस गुण के कारण ही शिव पार्वती के पुत्र गणपति (Ganpati) को प्रथम पूज्य कहा जाता है।

थाईलैंड की चाचोएन्ग्साओ एसोसिएशन नाम की संस्था धार्मिक कार्यो को करती है। इस एसोसिएशन के प्रेसीडेंट पोल जेन समाचाई वानीशेनी ने अपने ग्रुप के साथ मिलकर ये तय किया की गणेशजी की सबसे बड़ी मूर्ति थाईलैंड (Thailand) में लगायी जाएगी। इस सपने को साकार रूप देने के लिए ख्लोंग शहर में चालीस हजार वर्ग मीटर की जगह को चुना गया यहां की मिट्टी बहुत ही उपजाऊ होने के कारण इसको पवित्र माना गया।

भगवान गणपति की विशाल मूर्ति की स्थापना के लिए पहले इस जमीन पर एक इंटरनेशनल पार्क बनाया गया है। इसे सिटी ऑफ गणेश (City of Ganesh) के नाम से पुकारा जाता है। इस मूर्ति के निर्माण में (2008-2012) पूरे चार साल का समय लगा इस मूर्ति को इस तरह से बनाया गया है की तूफान और भूकंप भी इसको नुकसान नहीं पहुचा सकता है

ये गणपति जी की मूर्ति थाईलैंड के मशहूर मूर्तिकार पिटक चलमलाओं ने बनाई है ये विश्व की सबसे बड़ी गणेशजी की मूर्ति है और पूरे संसार ने इस बात को मान्यता भी दी है। ये थाईलैंड मूर्तिकला का एक सुंदर उदाहरण है। पूरा संसार नमन करता है। थाईलैंड ही नहीं बल्कि पूरे संसार से लोग इस मूर्ति को देखने आते हैं।बता दें कि 800 से अधिक कांसे के टुकड़े से बनी इस गणेश प्रतिमा की ऊंचाई 39 फीट है।

सबसे उंची इस गणेश प्रतिमा में सर पर कमल का फूल है और उसके बीच में ओम बनाया गया है। साथ ही थाईलैंड के चार पवित्र फल कटहल, आम, गन्ना, केला को गणपतिजी के चारों हाथों में रखा गया है वहीं गणेश प्रतिमा के पेट पर सांप लिपटा है, सूंड में लड्डू रखा है हाथों और पैरों में आभूषण पहनाया गया है, कमर में तगड़ी बंधी हुई है और पैरों में गणेशजी का वाहन चूहा बैठा हुआ है।

थाईलैंड के लोग किसी भी नए काम की शुरुआत करने से पहले इनके दर्शन करने जरुर आते है और इनका आशीर्वाद लेकर ही कोई भी शुभ कार्य शुरू करते हैं। साथ में प्रसाद के रूप में कटहल, केला, गन्ना और आम का भोग गणपति को लगाते हैं।