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बेहद खूबसूरत है कश्मीर के मार्तंड सूर्य मंदिर की वास्तुकला

फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से चर्चा में आए मार्तंड मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म के सुपर हिट होने के बाद कश्मीर में स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर भी लाइमलाइट में आ गया है।

भारत में सूर्यदेव के चार प्रमुख मंदिर है। इनमें ओडिसा का कोणार्क मंदिर (Konark Temple in Odisha), गुजरात में मेहसाणा का मोढ़ेरा मंदिर (Modhera Temple in Mehsana, Gujarat), राजस्थान के झालरापाटन का मंदिर (Jhalrapatan Temple in Rajasthan) और कश्मीर का मार्तंड सूर्य मंदिर (Martanda Surya Temple) है। यह मंदिर कश्मीर के दक्षिणी भाग में अनंतनाग से पहलगाम के रास्ते पर मार्तंड नमक स्थान पर है। मान्यता है कि इसकी निर्माण तिथि 490-555 ई. रही होगी। इसकी ऊंचाई करीब 20 फुट है। इस मंदिर को देखने दूर दूर से लोग आते हैं।

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‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) से चर्चा में आया मार्तंड सूर्य मंदिर (Martanda Surya Temple)
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से चर्चा में आए मार्तंड मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के दौरान हुआ था। विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म के सुपर हिट होने के बाद कश्मीर में स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर भी लाइमलाइट में आ गया है। एक प्रेस कांफ्रे़स के दौरान विवेक ने इस मंदिर का ज़िक्र करते हुए इसका पूरा इतिहास बताया।

इसकी स्थापना कारकोटा राजवंश के शासक ललितादित्य ने की थी। ललितादित्य के प्रमुख कार्यों में इस मंदिर के निर्माण की गणना की जाती है। इस मंदिर में एक बड़ा सरोवर भी है। इसमें 84 स्तंभ हैं। इसकी वास्तुकला भी राजसी है, जो इस मंदिर की ख़ूबसूरती को और भी रॉयल बना देती है।

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मान्यता है कि राजा ललितादित्य सूर्य की पहली किरण निकलने पर सूर्य मंदिर में पहले पूजा करते थे और फिर चारों दिशाओं में देवताओं का आह्वान करते थे। इसके बाद से ही अपनी दिनचर्या की शुरुआत करते थे। इसे कश्मीर का गौरव माना जाता है। यह मंदिर एक पठार के शिखर पर बना है।

मंदिर को कई बार ध्वस्त करने की हुई थी कोशिशें
कहा जाता है कि इस मंदिर को कई बार मुस्लिम सुल्तान सिकंदर शाह मीरी ने सैफुद्दीन के साथ मिलकर इसे कई बार ध्वस्त करने की कोशिश की थी। वो चाहता था कि हिन्दुओं और उनके सांस्कृतिक प्रतीकों को मिटा दिया जाए।

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हालांकि, उस दौरान वो मार्तंड सूर्य मंदिर को तोड़ने में सफ़ल तो नहीं हो पाया लेकिन कश्मीर में कई हिंदू सम्राटों द्वारा बनवाए गए मंदिरों को ध्वस्त करके वहां मस्ज़िदें बनवाईं। हालांकि, 14वीं शताब्दी आते-आते मुस्लिम प्रचारकों पर विश्वास करने की वजह से हिंदू राजाओं का पतन शुरू होने लगा।

जब मंगोल आक्रांता डुलचू ने किया कश्मीर पर हमला
उस दौरान कश्मीर में राजा सहदेव का शासन था। उनके दो विश्वासपात्र लद्दाख के बौद्ध धर्म के राजकुमार रिंचन शाह और स्वात घाटी से आए मुस्लिम प्रचारक सिकंदर शाहमीर थे। इसी समय अचानक मंगोल के आक्रमणकारी डुलचू ने 70 हज़ार सैनिकों के साथ कश्मीर पर धावा बोल दिया।

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इस दौरान अपनी जान बचाकर राजा सहदेव भाग निकले और उन्होंने जम्मू के किश्तवाड़ में शरण ली। वहीं, कश्मीर पर डुलचू पूरी तरह कश्मीर पर कब्ज़ा करता जा रहा था, लेकिन प्राकृतिक आपदा ने उसको निगल लिया और वो बेमौत मारा गया। इसी दौरान मौके का फ़ायदा उठाते हुए मुस्लिम आक्रमणकारियों ने भी कश्मीर पर हमला बोल दिया।

ऐसे किया गया मंदिर को ध्वस्त
मौके को देखते हुए राजा सहदेव के विश्वासपात्र सिकंदर शाहमीर ने लद्दाख के राजकुमार को भी कश्मीर की गद्दी से हटा दिया और ख़ुद राज करने लगा। इसके बाद 1417 में सिकंदर जैनुल आबिदीन ने सत्ता की कुर्सी संभाली। उसके राजगद्दी संभालने के बाद कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार शुरू हो गया। उसने हिंदुओं को कश्मीर छोड़कर जाने का आदेश दे दिया।

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जैनुल ने मार्तंड मंदिर पर भी कई बार हमला किया और उसमें आग लगा दी। जब वो मंदिर का पूरी तरह विध्वंस करने में असफ़ल रहा, तब उसने मंदिर के पत्थर निकालकर उसमें लकड़ियां भर दीं। इसके बाद उन लकड़ियों में आग लगा दी। इस तरह मार्तंड मंदिर को ध्वस्त किया। हालांकि, इसके अवशेष आज भी वहां मौजूद हैं।

फ़िल्म ‘हैदर’ का गाना ‘बिस्मिल’ इसी बैकग्राउंड पर फ़िल्माया गया था
हालांकि, ये मंदिर आज बदहाली के आंसू रो रहा है। मंदिर का सरोवर तो काफ़ी ख़ूबसूरत है। साथ ही इसकी वास्तुकला देखकर लोग आज भी दांतों तले उंगलियां चबा लेते हैं। इसके चारों ओर विशाल पर्वत हैं, जहां का नज़ारा देखने लायक होता है. वर्ष 2014 में शाहिद कपूर अभिनीत फ़िल्म ‘हैदर’ का गाना ‘बिस्मिल’ इसी बैकग्राउंड पर फ़िल्माया गया था।