शनिदेव को हिंदू धर्म में कर्म फल दाता माना जाता हैं, इसलिए इन्हे कठोर भी माना जाता है। दरअसल शनि देव न्याय के देवता हैं और जब न्याय निष्पक्ष होगा तो दंड भी मिलता हैं। शनि देव 9 वाहनों की सवारी करते हैं। जानिए इनका क्या महत्व है।
1. हंस को शनि देव के वाहनो में सबसे अच्छा वाहन कहा जाता है। शनि देव का वाहन हंस बहुत शुभ होता है, बुद्धि और मेहनत से भाग्य का पूरा सहयोग ले सकते है। इस अवधि में अर्थिक सुधार होता है।
2. शनिदेव का वाहन मोर जब होता है तब शुभ फलदायी होता है । इस दौरान मेहनत के साथ ही भाग्य
3. शनि देव के वाहन सियार होने के दौरान शुभ फल नहीं मिलता है। इस अवधि में अशुभ सूचनायें मिलने की संभवनायें होती हैं।
4. शनिदेव वाहन जब भैंसा होता है तब मिला जुला फल प्राप्त होता है। इस दौरान अगर होशियरी से काम नहीं किया गया तो बुरे फल मिल सकते है तो इस दौरान समझदारी से काम करना चाहिए।
5.शनिदेव का वाहन कौआ हो तो इस दौरान घर मे और ऑफिस में कलह बढ़ती है। इस स्थिति से बचना लाभदायक है, शांति, संयम, और मसले को समझदारी से हल करने का प्रयास करें ।
6. शनि देव का वाहन हाथी भी शुभ नही माना जाता है ।यह लोगो को उनकी उम्मीदों के विपरीत फल देतें है । इस दौरान हिम्मत और संयम से काम ले।
7. शनिदेव की सवारी शेर होती है तो भी शुभ फालदायी समय होता है। इस दौरान समझदारी और चतुराई से काम करने से शत्रुओं को पराजय किया जा सकता है ।
8. शनि देव का वाहन घोड़ा होने से अच्छे फल मिलते है। घोड़े को शक्ति को प्रतीक माना जाता है तो इस दौरान इंसान जोश और उर्जा से भरा हुआ होता है ।
9.शनिदेव का वाहन गधा जब शनिदेव का वाहन गधा होता है तो यह शुभ नहीं माना जाता, शुभ फलों को मिलने में कमी होती है। इस स्थिति में कार्यों में सफलता प्राप्त करने में लिए काफी प्रयास करना होता है।
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