धर्म-कर्म

महाराजा कुश ने की थी अयोध्या में नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना

अयोध्या (Ayodhya) राम नगरी (Ram Nagri) के रूप में जाना जाता है, लेकिन अयोध्या की राम की पैड़ी खेत्र में स्थित प्राचीन नागेश्वर नाथ मंदिर (Nageshwar Nath Mandir) भी है, जो पूरे देश में रहने वालों शिव भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है।

अयोध्या (Ayodhya) राम नगरी (Ram Nagri) के रूप में जाना जाता है, लेकिन अयोध्या की राम की पैड़ी खेत्र में स्थित प्राचीन नागेश्वर नाथ मंदिर (Nageshwar Nath Mandir) भी है, जो पूरे देश में रहने वालों शिव भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है।

शिव पुराण के अनुसार, एक बार नौका बिहार करते समय उनके हाथ का कंगन पवित्र सरयू में गिर गया, जो सरयू में वास करने वाले कुमुद नाग की पुत्री को मिल गया। यह कंगन वापस लेने के लिए राजा कुश तथा नाग कुमुद के मध्य घोर संग्राम हुआ। जब नाग को यह लगा कि वह यहां पराजित हो जायेगा तो उसने भगवान शिव का ध्यान किया। भगवान ने स्वयं प्रकट होकर इस युद्ध को रुकवाया। कुमुद ने कंगन देने के साथ भगवान शिव से अनुरोध किया कि उनकी पु्त्री कुमुदनी का विवाह कुश के साथ करा दें। इस प्रस्ताव को महाराज कुश ने स्वीकार किया और भगवान शिव से यह अनुरोध किया कि वे स्वयं सर्वदा यहीं वास करें।

भगवान शिव ने उनकी इस याचना को स्वीकार कर लिया। नागों के ध्यान करने पर भगवान शिव प्रकट हुए थे, जिस कारण इसे नागेश्वर नाथ के नाम से जाना जाता है। इसके बाद राजा कुश ने अयोध्या में नागेश्वर नाथ मंदिर की स्थाापना की।

इस नगरी को राजा विक्रमादित्य ने बसाया था
इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार राजा विक्रमादित्य द्वारा कराया गया था। धार्मिक मान्यताओं में आज भी बाबा नागेश्वरनाथ अयोध्या की पहचान के रुप में जाने जाते हैं और देश के कोने कोने से आने वाले भक्त श्रद्धालुओं के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर अयोध्या में स्थापित होने के कारण इसका महत्व और भी अधिक है और सावन मास में इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव का वंदन और पूजन करने से जन्म जन्मांतर के कष्ट मिट जाते हैं और मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है। इसलिए अगर आप भी सावन के इस पवित्र माह में भगवान शिव की आराधना कर पुण्य अर्जन करना चाहते हैं तो बिना देर किए पहुंच जाएं राम की नगरी अयोध्या और सरयू तट के किनारे स्थापित भगवान नागेश्वरनाथ का दर्शन और पूजन करें।

अंग्रेजों ने भी माना नागेश्वरनाथ की महिमा
प्राचीन नागेश्वरनाथ महादेव की महिमा अपरम्पार है। उनकी महिमा का बखान न केवल हिन्दू भक्तों ने बल्कि अंग्रेजों ने भी किया है।

अंग्रेज विद्वान विंसेटस्मिथ ने लिखा कि 27 आक्रमणों को झेल कर भी यह मंदिर अपनी अखंण्डता को बनाये रखे है। हैमिल्टान ने लिखा है कि पूरे विश्व में इसके समान दिव्य और पवित्र स्थान दूसरा कोई नहीं है।