धर्म-कर्म

दिवाली पर खुद बंद हो गए मंदिर का कपाट, तुड़वाया तो मिले Mata Laxmi के पैरों के निशान

राजस्थान के महालक्ष्मी मंदिर (Mahalaxmi Mandir) में एक अनूठा चमत्कार का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) के पैरों के निशान मंदिर में दिखाई दिए। इस अनूठे चमत्कार का दावा मंदिर के पुजारी ने किया है। यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी (Khatu Shyam Ji) […]

राजस्थान के महालक्ष्मी मंदिर (Mahalaxmi Mandir) में एक अनूठा चमत्कार का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि माता लक्ष्मी (Mata Laxmi) के पैरों के निशान मंदिर में दिखाई दिए। इस अनूठे चमत्कार का दावा मंदिर के पुजारी ने किया है।

यह मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी (Khatu Shyam Ji) इलाके के गांव डूकिया में महालक्ष्मी मनोकामनापूर्ण मंदिर (Mahalaxmi Manokamna Mandir) है। इस चमत्कार को जो कोई भी सुन रहा है, वह हैरान है।

मंदिर के पुजारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले साल दिवाली की रात दर्शनों के लिए उन्होंने मंदिर का पट खुला छोड़ दिया था। देर रात पट अपने आप अंदर से बंद हो गया।

पुजारी ने कहा कि खोलने की बहुत कोशिश करने पर भी मंदिर का पट नहीं खुला। पुजारी ने बताया जब ये बात पूरे गांव में पहुची तो सभी हैरान रह गए और गांव के लोग भारी सख्या में सुबह मंदिर पहुचे। फिर मंदिर के पट को एक कारीगर से तुड़वाया गया।

अंदर देखा तो मूर्ति के सामने मेहंदी और चंदन लगे पांव उभर हुए दिखाई दिए, जो माता लक्ष्मी के पांव बताए जा रहे है।

इस मंदिर का निर्माण नजफगढ़ दिल्ली के श्याम भक्त नरेश नागर ने करवाया था। नरेश बाबा श्याम के दर्शनों के लिए खाटूश्यामजी आने की परंपरा के बीच उन्होंने डुकिया में 150 बीघा जमीन खरीदी थी।

मकान निर्माण के लिए उन्होंने उस जमीन की नीव खोदी तो मिट्टी से 18 भुजाधारी देवी की छोटी सी मूर्ति निकली। जिसे दिल्ली ले जाते समय उन्होंने बीच रास्ते में त्रिवेणी धाम महंत नारायण दास महाराज को दिखाया। जिन्होंने मूर्ति को महालक्ष्मी की बताते हुए उसी जमीन पर मंदिर बनाने की बात कही।

इस मंदिर को बनवाने में करीब दो करोड़ रुपये का खर्च आया था। जिसमें 17 अक्टूबर 2018 को शारदीय नवरात्रों में महालक्ष्मी की मूर्ति को प्रतिष्ठित करवाया गया था।