हिंदू धर्म में हर पूजा में सबसे पहले प्रथम पूज्य भगवान गणेश की आराधना की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं उसी के साथ हर पूजा में नारियल क्यों चढ़ाया जाता है? इस बारे में आज जानिए।
भगवान विष्णु पृथ्वी पर अवतरित होते समय मां लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु को अपने साथ लेकर आए थे। नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है। इस वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है इसलिए पूजा- पाठ में नारियल का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।
पूजा के बाद नारियल फोड़ने का अर्थ
पूजा के बाद नारियल फोड़ने का अर्थ है कि व्यक्ति ने स्वयं को अपने इष्ट देवता को समर्पित कर दिया इसलिए भगवान के सामने पूजा की जाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ऋषि विश्वामित्र इंद्र से नाराज हो गए और दूसरा स्वर्ग बनाने की रचना करने लगे। लेकिन वो इस रचना से संतुष्ट नहीं थे। इसके बाद उन्होंने दूसरी सृष्टि के निर्माण में मानव के रूप में नारियल का प्रयोग किया था। इसलिए नारियल पर दो आंखे और एक मुख बना होता है।
पहले के समय में बलि देने की प्रथा अधिक थी। उस समय मनुष्य और जानवरों की बलि देना समान बात थी तभी इस परंपरा को तोड़ने के लिए नारियल चढ़ाने की प्रथा शुरू की गई।