Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी का शुभ अवसर, जिसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल देवउठनी एकादशी का दिन 12 नवंबर को मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt)
लोकप्रिय मान्यता के अनुसार, “दुनिया के भगवान” भगवान विष्णु इस दिन चार महीने के बाद योग निद्रा से जागे और फिर से कार्यभार संभाला। द्रिक पंचांग के अनुसार, शुभ मुहूर्त का समय नीचे दिया गया है।
एकादशी तिथि शुरू – 11 नवंबर, 2024 को शाम 06:46 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – 12 नवंबर, 2024 को शाम 04:04 बजे
दिल्ली-एनसीआर में 12 नवंबर को करीब 50,000 शादियां होंगी
रिपोर्ट के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन दिल्ली-एनसीआर में करीब 48,000 शादियां होने की उम्मीद है। इस दिन से इस सर्दी में शादियों के लिए शुभ साया की शुरुआत होगी।
रोहिणी के बैंड मालिक ने कहा, “12 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर में 50,000 शादियाँ होने की उम्मीद है।” मंगलवार के लिए बुकिंग की उच्च संख्या के बारे में जानकारी देते हुए पीयूष शर्मा ने कहा, “जिन विक्रेताओं से हम डील करते हैं, वे हमें इस तिथि के लिए प्राप्त बुकिंग की उच्च संख्या के बारे में बता रहे हैं।”
देवउठनी एकादशी महत्व (Dev Uthani Ekadashi Significance)
ज्योतिषी अजय भांबी के अनुसार, देव उठनी एकादशी अबूझ है, जिसका अर्थ है कि यह मुहूर्त इतना शुभ है कि किसी पंडित से परामर्श की आवश्यकता नहीं है। इस दिन कोई भी व्यक्ति किसी भी समय विवाह कर सकता है और इसके लिए किसी अतिरिक्त पूजा या सुधार की आवश्यकता नहीं है।”
इसके अलावा, हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन को विशेष माना जाता है क्योंकि जोड़े अपनी कुंडली और ग्रहों की स्थिति के बावजूद विवाह कर सकते हैं। पंडित राम हरि शर्मा ने बताया, “इस दिन मांगलिक लोग भी विवाह कर सकते हैं।”
मुख्य अनुष्ठान (Key rituals)
देवउठनी एकादशी पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। वैष्णव परंपरा का पालन करने वालों के लिए यह दिन गहरा आध्यात्मिक महत्व रखता है। देवउठनी एकादशी का व्रत मंगलवार को रखा जाएगा और इसका पारण समय 13 नवंबर को सुबह 6:42 बजे से 8:51 बजे के बीच होगा।