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Sawan 2022: सावन के पहले सोमवार पर बन रहे 3 अति शुभ योग, जानें मुहूर्त, पूजा विधि व व्रत महत्व

सावन (Sawan) माह शिव जी को बेहद प्रिय है। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। सावन के हर सोमवार का विशेष महत्व है। पुराणों के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन का माह सर्वोत्तम माना गया है।

सावन (Sawan) माह शिव जी को बेहद प्रिय है। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। सावन के हर सोमवार का विशेष महत्व है। पुराणों के अनुसार महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन का माह सर्वोत्तम माना गया है।

मान्यता है कि जो भक्त सावन सोमवार व्रत (Sawan Vrat) रख भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूरे विधि विधान से पूजा करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं । इस बार सावन में चार सोमवार पड़ेंगे।

इस साल सावन के हर सोमवार व्रत की पूजा बेहद खास मानी जा रही है, क्योंकि चारों सोमवार पर शुभ योग बन रहे हैं। ये हैं पहले सावन सोमवार का मुहूर्त, शुभ योग और पूजा विधि।

Sawan 2022: शुभ योग के साथ पवित्र सावन मास शुरू; जानें महत्व, व्रत कथा

रवि योग : सावन में पहला सोमवार 18 जुलाई को रवि योग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार इस योग में शिव जी की पूजा के साथ मंत्र साधना करना लाभदायक होता है। रवि योग में शिव जी की आराधना करते वक्त महामृत्युंजय का जाप करें, इससे भय दूर होगा और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी।

मौना पंचमी योग : सावन के पहले सोमवार पर मौना पंचमी का योग भी बन रहा है। मौन पंचमी पर भगवान शिव के साथ नागदेवता की पूजा का विधान है। कहते हैं इस दिन मौन व्रत रखने से मानसिक शक्ति का विकास होता है और शारीरिक तौर पर ऊर्जावान रहने में मदद मिलती है।

शोभन योग : सावन महीने के पहले सोमवार पर शोभन योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस योग में व्रत, पूजा-पाठ, जप और साधना करने पर समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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सावन पहला सोमवार मुहूर्त
-रवि योग आरंभ-18 जुलाई को 12.24 PM
-रवि योग समाप्त-19 जुलाई को 5.35 AM
-शोभन योग आरंभ-17 जुलाई, 05:49 PM
-शोभन योग समाप्त-18 जुलाई को 03:26 PM
-अभिजीत मुहूर्त-18 जुलाई को 11.47 AM से 12.41 PM

सावन सोमवार की पूजा विधि
सावन सोमवार के सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के बाद साफ वस्त्र पहनें। घर में शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले शिव जी के समक्ष दाएं हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें।

शिवलिंग पर गंगाजल से​अभिषेक कर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) अर्पित करें इस दिन भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन लाभ होता है। 21 बेलपत्र पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें और शिवलिंग पर इसी मंत्र जाप करते हुए एक-एक बेलपत्र चढ़ाएं।

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शिवलिंग का सफेद चंदन और पुष्प से श्रृंगार करें। धतूरा, शमी पत्र, भांग, भस्म, अबीर, गुलाल, अक्षत, केसर, पान, सुपारी, इत्र आदि शिवलिंग पर अर्पित करें। फल और मिठाई का भोग लगाने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें। साथ ही पहला सावन सोमवार पर कई विशिष्ट योग बन रहे हैं ऐसे में शांत मन से शिव के मंत्रों का जाप करना शुभ होगा। अब सावन सोमवार व्रत कथा का श्रवण करें और भोलेनात की आरती कर प्रसाद लोगों में बांट दें।

अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होगा
भगवान शिव की पूजा सावन सोमवार के दिन करने पर मनुष्य की कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होगा और भोलेनाथ की विशेष कृपा हमेशा बनी रहेगी।

सोमवार व्रत का महत्व
सावन का महीना और सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा- आराधना और जलाभिषेक करने के लिए सबसे बढ़िया और शुभ माना गया है। मान्यता है सावन माह में ही माता पार्वती ने कठोर तप करते हुए भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था इसी कारण से इसका विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार का व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्धि होता है। पति की लंबी आयु की मनोकामना पूरी होती है।

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अविवाहित युवतियां भी सावन सोमवार का व्रत रखती है ताकी भविष्य में उन्हें भी भगवान शिव की तरह योग्य वर की प्राप्ति हो सके। इसके अलाव ग्रह दोष को खत्म करने के लिए भी सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। सावन के सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है ऐसे में सावन के महीने में आने वाले सोमवार का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

सावन सोमवार पूजा विधि
1. सावन सोमवार के दिन पानी में दूध व काला तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
2. सावन सोमवार का व्रत रखते हुए इस दिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, इससे आपकी सभी मनोकामनाएं भोलेनाथ पूर्ण करेंगे।
3. यदि आपके विवाह में अड़चन आ रही है तो सावन सोमवार के दिन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं,इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं।
4. सावन में रोज नंदी को हरा चारा खिलाएं, इससे कष्टों का निवारण होगा, जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
5. श्रावण में गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
6. सावन सोमवार के दिन पूजा करते समय मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।