अनमोल कुमार
पाकिस्तान (Pakistan) के सबसे बड़े शहर कराची में करीब 17 लाख साल पुराना पंचमुखी हनुमान मंदिर (Panchmukhi Hanuman Mandir) है। इस ऐतिहासिक मंदिर (Ancient Temple) में हनुमानजी (Hanumanji) के दर्शन के लिए सुबह से शाम तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है। यह शहर अरब सागर के तट पर स्थित है। भारत से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां स्थित पंचमुखी मंदिर में हनुमान के दर्शन के लिए जाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार इस मंदिर में भगवान श्रीराम (Shri Ram) आए हैं। मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति कोई साधारण मूर्ति नहीं है, क्योंकि इस मूर्ति का इतिहास 17 लाख वर्ष पुराना त्रेता युग का है।
भक्तों की मनोकामना होती है पूर्ण
स्थानीय हिंदू समुदाय का मानना है कि इस मंदिर में विराजमान पंचमुखी हनुमान जी पिछले हजारों सालों से हमारे भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते आ रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि बंटवारे के समय जिन हिंदुओं ने अपना घर नहीं छोड़ा उनके लिए आज यह मंदिर उनके लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है और इसीलिए हर मंगलवार और शनिवार को कराची शहर के हिंदू श्रद्धालु और श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। बड़ी संख्या। करने के लिए आओ।
इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के पंचमुखी रूप में एक बंदर का पहला चेहरा, दूसरा गरुड़, तीसरा वराह, चौथा हयग्रीव या घोड़ा और पांचवां नरसिंह है। हिंदू धर्म के अनुसार हनुमान जी की मूर्ति के पंचमुखी रूप के प्रत्येक चेहरे का अपना महत्व है।
जो भक्त करता है परिक्रमा हनुमान जी फिर से बुलाते हैं दर्शन के लिए
कहा जाता है कि जहां यह मंदिर स्थित है वहां से 11 मुट्ठी मिट्टी निकाली गई, जिसके बाद यह मूर्ति प्रकट हुई। इसलिए इस मंदिर में 11 अंक का विशेष महत्व है और इसके आधार पर यह माना जाता है कि जो भी बालाजी की 11 परिक्रमा पूरी करता है, भगवान हनुमान जी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। जबकि हनुमान जी 21 बार परिक्रमा करने वाले भक्त को फिर दर्शन के लिए बुलाने का अवसर देते हैं।
त्रेता से लेकर अब तक कई उतार-चढ़ाव देखे हैं इस मंदिर ने
पंचमुखी हनुमान के इस मंदिर ने त्रेता युग से लेकर आज तक कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। इस मंदिर को आक्रमणकारियों के हाथों कई बार लूटा गया, ध्वस्त किया गया, नष्ट किया गया और हिंदू राजाओं द्वारा समान रूप से पुनर्निर्मित किया गया। इसके बावजूद यह जगह आज भी गर्व से खड़ी है। इस मंदिर के निर्माण के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर माना जाता है कि हनुमान जी के मंदिर के इस भवन का पुनर्निर्माण 1882 में किया गया था।
आडवाणी और जसवंत सिंह भी आए हैं यहां दर्शन के लिए
इस हनुमान मंदिर का ऐतिहासिक महत्व इस बात से पता चलता है कि भारत के पूर्व गृह मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह यहां दर्शन करने आए हैं। इस मंदिर में हिंदू परंपरा के सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। मंदिर की महिमा सुनकर यहां हर समुदाय के लोगों का आना-जाना लगा रहता है।