दिल्ली/एन.सी.आर.

Vivek Vihar fire: ‘न्यू बोर्न बेबी केयर’ अस्पताल में क्यों लगी आग?

विवेक विहार में नवजात शिशु देखभाल अस्पताल में आग लगने से 7 बच्चों की मौत के पीछे संभावित कारण “बिजली की खराबी” हो सकता है।

Vivek Vihar fire: दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग को संदेह है कि दिल्ली के विवेक विहार में नवजात शिशु देखभाल अस्पताल में आग लगने से 7 बच्चों की मौत के पीछे संभावित कारण “बिजली की खराबी” हो सकता है।

सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए गर्ग ने कहा, “…ऐसा लगता है कि आग लगने के पीछे कोई और कारण नहीं बल्कि बिजली की खराबी है।”

उन्होंने कहा कि वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों का विश्लेषण करने के बाद अधिक जानकारी सामने आएगी क्योंकि जांच शुरू हो चुकी है।

दिल्ली के विवेक विहार स्थित न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में शनिवार रात आग लगने से कम से कम सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, सात मृत बच्चों, जिनमें से चार नर और तीन मादा नवजात शिशु थे, को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया।

क्या अधिक बच्चों को बचाया जा सकता था?
गर्ग ने एएनआई को बताया कि अगर दूसरा निकास या कोई अन्य आसान पहुंच होती तो अधिक शिशुओं को बचाया जा सकता था। दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक ने कहा, “वहां हमारा मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था और कोई भी हमें सीढ़ियों और सिलेंडरों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दे सका…।”

क्या रही खामियां
दिल्ली पुलिस ने बड़ी चूक की ओर भी इशारा किया जिसके कारण शनिवार को विवेक विहार में आग लगने की घटना में सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई।

अवैध लाइसेंस
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला कि जिस लाइसेंस पर अस्पताल चल रहा था वह अब वैध नहीं है। पुलिस ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “हमें पता चला कि अस्पताल की एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) 31 मार्च को समाप्त हो गई थी।”

आपातकालीन निकास नहीं
दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि अस्पताल परिसर में कोई आपातकालीन या अग्नि निकास प्रणाली नहीं थी।

अनुमति से अधिक बिस्तर
पुलिस उपायुक्त, शाहदरा, सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि अस्पताल को पांच बिस्तरों तक की अनुमति थी लेकिन उन्होंने 10 से अधिक बिस्तर लगाए।

योग्य डॉक्टर नहीं
पुलिस जांच में आगे पता चला कि अस्पताल के कुछ डॉक्टर नवजात शिशु प्रोत्साहन देखभाल की आवश्यकता वाले नवजात बच्चे का इलाज करने के लिए योग्य नहीं थे, क्योंकि वे केवल बीएएमएस डिग्री धारक थे।

आग की घटना के सिलसिले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनकी पहचान अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खिची (45) और डॉ. आकाश (26) के रूप में हुई है।

मालिक और डॉक्टर गिरफ्त में
पुलिस ने कहा कि उन्होंने एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 और 308 जोड़ी और अस्पताल के निदेशक डॉ. नवीन किची को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने एएनआई को बताया, “ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों में से एक डॉ. आकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों के दिल्ली में ऐसे 3 अस्पताल हैं।”

घटना के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि हर अस्पताल में अग्नि सुरक्षा उपकरण अनिवार्य किए जाएंगे, चाहे उसका आकार कुछ भी हो।

(एजेंसी इनपुट के साथ)