दिल्ली/एन.सी.आर.

सत्येंद्र जैन को अयोग्य घोषित करने की याचिका पर फैसला सुरक्षित

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को विधायक और मंत्री के तौर पर अयोग्य घोषित करने वाली एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया, जिसमें सत्येंद्र जैन को विधानसभा सदस्य और दिल्ली सरकार में मंत्री होने के लिए अयोग्य घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया है कि ईडी से पूछताछ के दौरान कैबिनेट मंत्री सतेन्द्र जैन ने खुद माना है कि वो कोविड का शिकार होने के बाद अपनी याददाश्त खो चुके हैं। नियमों के मुताबिक, अस्वस्थ मस्तिष्क के चलते वो विधानसभा के सदस्य बने रहने के अधिकारी नहीं हैं।

याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 191(1)(बी) के तहत अस्वस्थ मस्तिष्क का शख्स विधानसभा का सदस्य नहीं बना रह सकता। लिहाजा उन्हें पद पर बरकरार रख कर दिल्ली सरकार नियमों का उल्लंघन कर रही है।

याचिका पर दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वे उचित आदेश पारित करेंगे। फैसला सुरक्षित रख लिया गया है…
ईडी ने सतेन्द्र जैन को 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था।

इस मामले में ईडी ने सतेन्द्र जैन, उनकी पत्नी किरण जैन समेत 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। इनमें 4 कम्पनी भी शामिल हैं। 31 मार्च को, ईडी ने अस्थायी रूप से मंत्री के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को कुर्क किया।

6 जून को, ईडी ने जैन, उनकी पत्नी और उनके सहयोगियों से संबंधित कई स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान 2.85 करोड़ रुपये नकद और 1.80 किलोग्राम वजन के 133 सोने के सिक्के बरामद किए गए थे।