नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोविड-19 के कारण मरने वालों के परिजनों को मुआवजे के संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने के लिए केंद्र के आवेदन को चार और सप्ताह के लिए मंजूर कर लिया। कोर्ट ने पहले जो डेडलाइन तय की थी वह 15 अगस्त थी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने केंद्र को 30 जून के आदेश में अदालत द्वारा निर्देशित अन्य मुद्दों पर उसके द्वारा उठाए गए कदमों पर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए राहत दी। इनमें मृत्यु प्रमाण पत्र पर दिशा-निर्देश तैयार करना, मृत्यु के सही कारण का उल्लेख करना और कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी उपायों के संबंध में ग्टवें वित्त आयोग की सिफारिशों पर उठाए गए कदम शामिल थे।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को कोविड मुआवजा दिशानिर्देश तैयार करने के लिए और समय की मांग करते हुए केंद्र ने कहा कि मामले की गहन जांच की जरूरत है। यह वादा करते हुए कि अभ्यास ‘सक्रिय और अग्रिम चरण’ में था, केंद्र ने कहा कि एक ‘त्वरित सूत्रीकरण’ के परिणामस्वरूप ‘अवांछित परिणाम’ होंगे।
30 जून को, यह देखते हुए कि एनडीएमए ‘अपना कर्तव्य निभाने में विफल’ रहा था, सुप्रीम कोर्ट ने इसे कोविड-19 महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वालों के परिवार के सदस्यों को अनुग्रह राशि के लिए 6 सप्ताह के भीतर दिशानिर्देशों की सिफारिश करने का निर्देश दिया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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