दिल्ली/एन.सी.आर.

सिसोदिया व सत्येंद्र जैन का मंत्री पद से इस्तीफा, सीएम केजरीवाल ने किया मंजूर

मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दोनों का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया है।

नई दिल्ली: मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दोनों का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया है। बता दें कि मनीष सिसोदिया को CBI ने दिल्ली की नई आबकारी नीति (2021-22) घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करने के बाद कोर्ट ने उन्हें पांच दिन (4 मार्च तक) की सीबीआई रिमांड में भेज दिया था।

वहीं, सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था और वे तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट ने भी सिसोदिया की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर बड़ा झटका दिया है। बता दें कि सिसोदिया सीएम केजरीवाल के सबसे भरोसे के और सबसे प्रभावशाली मंत्री थे। राज्य सरकार के सभी बड़े मंत्रालय उन्हीं के पास थे।

आबकारी नीति मामले में फंसे मनीष सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दी थी, जिसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को कहा कि आपके लिए दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका सहित विभिन्न कानूनी उपाय उपलब्ध हैं।

सिसोदिया के पास के 18 विभाग
सिसोदिया के पास शिक्षा, वित्त, योजना, भूमि और भवन, सेवाएं, पर्यटन, कला-संस्कृति और भाषा, जागरूकता, श्रम और रोजगार, लोक निर्माण विभाग के अलावा स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण व जल विभाग हैं।

जैन के 6 विभाग भी सिसोदिया के पास थे
सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उनके 6 विभाग भी सिसोदिया ही संभाल रहे थे। सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। गिरफ्तारी के करीब नौ महीने बाद जैन ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।

बता दें कि CBI और ED के मुताबिक, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। यह भी आरोप है कि आबकारी विभाग ने निर्धारित नियमों के विरुद्ध एक सफल निविदाकर्ता को लगभग 30 करोड़ रुपये की बयाना जमा राशि वापस करने का निर्णय लिया था।

नई आबकारी नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर CBI ने प्राथमिकी दर्ज की थी। भ्रष्टाचार के मामले में CBI ने एक आरोप पत्र दाखिल किया है, जबकि इससे जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ED ने एक आरोप पत्र व एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है।