दिल्ली/एन.सी.आर.

RLD नेता जयंत चौधरी पहुंचे गाजीपुर बार्डर, कहा- सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए

नई दिल्लीः केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों पर हुआ बवाल अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। 26 जनवरी को हुए घमासान के बाद लगा था कि किसानों का धरना खत्म हो जाएगा। लेकिन टिकैत के आसूंओं के बाद आंदोलन फिर से खड़ा हो गया। बता दें गुरुवार को दिनभर गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur […]

नई दिल्लीः केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों पर हुआ बवाल अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। 26 जनवरी को हुए घमासान के बाद लगा था कि किसानों का धरना खत्म हो जाएगा। लेकिन टिकैत के आसूंओं के बाद आंदोलन फिर से खड़ा हो गया। बता दें गुरुवार को दिनभर गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात थे ओर लग रहा था कि धरनास्थल खाली करवा लिया जाएगा। लेकिन देर रात पुलिस को बैरंग ही लौटना पड़ा था। गाजीपुर बार्डर पर गुरुवार देर रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश से सैंकड़ों किसान धरनास्थल पर पहुंच गए हैं और विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। इस बीच राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) आज सुबह राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और अन्य किसानों से मिलने धरनास्थल पर पहुंचे।

आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने गाजीपुर बार्डर पर कहा कि सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए और उनकी मांगें माननी चाहिए। आज संसद के बजट सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए। अगर सरकार पीछे हटती है तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी। प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें। 

जयंत चौधरी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘‘प्रशासन पर कुछ दबाव होना चाहिए, लेकिन किसान धरनास्थल को खाली नहीं करना चाहते हैं। संसद में ये मुद्दा उठाया जाना चाहिए। अगर सरकार बैकफुट पर जाती है, तो यह उनकी कमजोरी को नहीं दर्शायेगी, बल्कि यह उनके नेतृत्व को आगे ले जाएगा। पीएम को इस पर बोलना चाहिए। उन्हें अपना विश्वास हासिल करने की आवश्यकता है।’’

जयंत चौधरी ने कहा कि वह किसानों के साथ खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे। किसान देश का अन्नदाता है। सरकार बल प्रयोग से किसानों की आवाज को दबा नहीं सकती है। 

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत हम प्रदर्शन स्थल खाली नहीं करेंगे, हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे। उसके बाद ही आगे निर्णय लिया जाएगा। मैं लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं।

दूसरी तरफ सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने भी कहा कि सरकार जो भी करे हम सिंघु बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे। जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और डैच् पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे।

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