Monsoon in Delhi: लू के थपेड़े झेल रहे उत्तर भारत के लोगों को बेसब्री से मानसून के आने का इंतजार है। मानसून आने के बाद ही उत्तर भारत को लू से राहत मिलने की संभावना है। एक ओर उत्तर भारत भीषण गर्मी की मार झेल रहा है, दूसरी ओर, दक्षिण-पश्चिम मानसून के जल्दी आने के कारण पिछले कुछ दिनों से अधिकांश दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी राज्यों में लगातार बारिश हो रही है।
इस साल, महाराष्ट्र और केरल जैसे कुछ राज्यों में पूर्वानुमान से पहले ही मानसून आ गया। केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में मानसून की बारिश पहले ही हो चुकी है।
आने वाले दिनों में कहां-कहां मानसून
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की 14 जून की मौसम रिपोर्ट के अनुसार, अगले चार दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में आगे बढ़ने वाला है।
मौसम एजेंसी ने 18 जून तक पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्सों में लू चलने का अनुमान लगाया है।
दिल्ली का मौसम
IMD ने 18 जून तक दिल्ली में हीटवेव की स्थिति के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, उसके बाद ‘येलो अलर्ट’ लागू होने पर स्थिति में सुधार होगा। इस दौरान राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है, जो सामान्य तापमान से पांच डिग्री अधिक है। इस बीच, न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहेगा जो सामान्य तापमान से दो डिग्री अधिक है।
15 जून के लिए IMD के पूर्वानुमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है, दोपहर या शाम को एक-दो स्थानों पर गरज के साथ बारिश या बिजली गिरने की संभावना है। साथ ही, कई इलाकों में हीटवेव की स्थिति के साथ-साथ दिन में 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है।
मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, 20 जून को दिल्ली में बारिश की संभावना है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, IMD की वैज्ञानिक सोमा सेन ने 13 जून को कहा, “अगर हम उत्तर भारत की बात करें तो मौसम में बहुत अधिक बदलाव नहीं हुआ है।”
आईएमडी के वैज्ञानिक ने कहा कि उत्तर भारत में लू की स्थिति “पूर्वी हवा की संभावना के कारण हो रही है, साथ ही पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की भी संभावना है। यही कारण है कि हम उम्मीद करते हैं कि उत्तर भारत में लू का प्रकोप थोड़ा कम होगा, खासकर पूर्वी भागों जैसे उत्तर प्रदेश में। बाकी राज्यों में भी स्थिति ऐसी ही रहेगी।”