दिल्ली/एन.सी.आर.

फेयरवेल भाषण में गुलाम नबी हुए भावुक, कहा- ‘हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व’

नई दिल्लीः आज राज्यसभा में भावनात्मक भाषण का दिन था क्योंकि सभी सदस्य सेवानिवृत्त सांसदों को विदाई देने के लिए सदन में एक साथ आए थे। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के दिग्गज नेता को भावपूर्ण विदाई देने के बाद, गुलाम नबी आजाद ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया और अपनी जम्मू कश्मीर से नई […]

नई दिल्लीः आज राज्यसभा में भावनात्मक भाषण का दिन था क्योंकि सभी सदस्य सेवानिवृत्त सांसदों को विदाई देने के लिए सदन में एक साथ आए थे। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के दिग्गज नेता को भावपूर्ण विदाई देने के बाद, गुलाम नबी आजाद ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया और अपनी जम्मू कश्मीर से नई दिल्ली तक की राजनीतिक यात्रा को दोहराया।

गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में अपने आखिरी दिन बोलना शुरू किया, उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय को आगे बढ़ने की जरूरत है, और कहा, ‘‘मैं कभी पाकिस्तान नहीं गया और मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली हूं। मैं उन भाग्यशाली लोगों में से हूं, जो कभी पाकिस्तान नहीं गया। जब मैं पाकिस्तान में परिस्थितियों के बारे में पढ़ता हूं, तो मुझे एक हिंदुस्तानी मुस्लिम होने पर गर्व महसूस होता है।’’

Video Link:

कांग्रेस के दिग्गज नेता ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मंत्री के रूप में इंदिरा जी और राजीव जी के साथ काम करने का मौका मिला। सोनिया जी और राहुल जी के समय पार्टी को रिप्रेजेंट करने का भी मौका मिला। हमारी माइनॉरिटी की सरकार थी और अटल जी विपक्ष के नेता थे, उनके कार्यकाल में हाउस चलना सबसे आसान रहा। कई मसलों का समाधान करना कैसे आसान होता है, ये अटल जी से सीखा था।’’

गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘‘सच बताएं सर, मेरे माता-पिता की जब मृत्यु हुई तो मेरे आंखों से आंसू निकले, लेकिन मैं चिल्लाया नहीं। जब मैं चिल्लाया वह थी संजय गांधी की मौत, इंदिरा गांधी की मौत और राजीव गांधी की मौत और चैथी थी जब साल 1999 में उड़ीसा में सुनामी आई थी।’’ गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पांचवीं बार मैं चिल्लाकर तब रोया जब गुजरात के यात्रियों पर कश्मीर में आतंकी हमला हुआ था।

Comment here