दिल्ली/एन.सी.आर.

रेस्तरां में सर्विस चार्ज पर Delhi High Court में सुनवाई

Delhi High Court ने मंगलवार को रेस्तरां में ग्राहकों से अतिरिक्त या ‘अलग’ शुल्क के रूप में सेवा शुल्क वसूलने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके स्थान पर खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ाने का तरीका अपनाया जा सकता है।

नई दिल्ली: Delhi High Court ने मंगलवार को रेस्तरां में ग्राहकों से अतिरिक्त या ‘अलग’ शुल्क के रूप में सेवा शुल्क वसूलने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके स्थान पर खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ाने का तरीका अपनाया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने यह टिप्पणी केंद्र सरकार की तरफ से दायर एक अपील की सुनवाई के दौरान की।

इसके पहले उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने होटलों एवं रेस्तरांओं को ग्राहकों से सेवा शुल्क लेने पर रोकने वाले केंद्र के निर्देश पर स्थगन दे दिया था।

मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि एक आम आदमी रेस्तरां में वसूले जाने वाले सेवा शुल्क को सरकार की तरफ से लगाया गया कर ही समझता है। ऐसी स्थिति में अगर होटल एवं रेस्तरां ग्राहक से अधिक राशि वसूलना चाहते हैं तो वे अपने यहां परोसे जाने वाले खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ा सकते हैं। फिर उन्हें बिल में अलग से सेवा शुल्क लेने की जरूरत नहीं रह जाएगी।

वहीं, रेस्तरां संगठनों की तरफ से कहा गया कि सेवा शुल्क कोई सरकारी कर नहीं है और यह रेस्तरां में काम करने वाले कर्मचारियों के लाभ के लिए वसूला जाता है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) होटलों और रेस्तरांओं में सेवा शुल्क लगाने संबंधी दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने का ऐलान किया था। गौरतलब है कि भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ और भारतीय रेस्तरां संघों के महासंघ ने सीसीपीए की तरफ से चार जुलाई को जारी दिशानिर्देशों को चुनौती दी थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने 20 जुलाई को इन दिशानिर्देशों पर रोक लगा दी थी।