दिल्ली/एन.सी.आर.

Farmer Protest: गाजीपुर बॉर्डर पर फिर से हुई चहल-पहल, बढ़ी टेंटों की संख्या, लंगर हुए शुरू

नई दिल्लीः किसान आंदोलन में फिर से एक नाटकीय मोड़ आया, जब राकेश टिकैत के आसुंओं के सैलाब में किसान फिर से भावुक हो गए और शुक्रवार आधी रात के बाद गाजीपुर सीमा पर किसानों की संख्या फिर से बढ़ गई, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा से हजारों लोग धरनास्थल पर पहुंच गए। जो तंबु […]

नई दिल्लीः किसान आंदोलन में फिर से एक नाटकीय मोड़ आया, जब राकेश टिकैत के आसुंओं के सैलाब में किसान फिर से भावुक हो गए और शुक्रवार आधी रात के बाद गाजीपुर सीमा पर किसानों की संख्या फिर से बढ़ गई, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा से हजारों लोग धरनास्थल पर पहुंच गए। जो तंबु 26 जनवरी के बाद उखड़ने शुरू हो गए थे, वो अब फिर से लगने शुरू हो गए हैं। पिछले दिन के मुकाबले आंदोलन स्थल पर किसानों की संख्या बढ़कर आठ से दस हजार तक पहुंच गई है। किसानों का गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। 

बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने धरनास्थल पर कहा, ‘‘हम प्रशासन का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन भाजपा के लोगों के लिए तैयार नहीं हैं।’’ उनके बड़े भाई और बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने तुरंत एक आपात बैठक बुलाई और समर्थकों से बड़ी संख्या में गाजीपुर पहुंचने की अपील की। मुजफ्फरनगर में एक महापंचायत का आयोजन भी किया गया, जिसमें भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया।

बता दें कि 26 जनवरी की घटना के बाद से जो तंबू उखड़ने शुरू हो गए थे और लंगर बंद कर दिए गए थे, वो शुक्रवार को फिर से लगने शुरू हो गए। अचानक से आंदोलन स्थल पर पूरा नजारा ही बदल गया। इस भीड़ ने धरने पर बैठे किसानों और नेताओं में नई जान फूंक दी है।

एक तरफ, राकेश टिकैत की अपील के बाद बृहस्पतिवार रात से किसानों का बड़ी संख्या में जल लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ जो शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। पश्चिमी यूपी से रातभर किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचते नज़र आए। इसके साथ ही हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड से भी किसान बड़ी संख्या में आंदोलन स्थल पर पहुंच रहे हैं। शुक्रवार की सुबह सामान्य दिनों की तहत मंच सजा तो किसान नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली।

दूसरी तरफ, किसान आंदोलन को फिर से खड़ा होता देख, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कांग्रेस से अलका लांबा और रालोद उपाध्यक्ष जयंत चैधरी समेत कई बड़े नेता भी आंदोलन स्थल पर पहुंचने लगे हैं। किसानों की अचानक से संख्या बढ़ी तो प्रशासन ने भी पानी-बिजली की सप्लाई फिर से शुरू कर दी है।

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