दिल्ली/एन.सी.आर.

Farmer Protest: किसान आंदोलन में पड़ी दरार, 2 संगठनों ने हाथ खींचा

नई दिल्लीः 26 जनवरी पर किसानों के कुछ समूहों द्वारा शर्मनाक हरकत की वजह से किसानों का आंदोलन गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा के बाद अब कमजोर पड़ता नज़र आ रहा है। दिल्ली में जिस तरह का उपद्रव मचाया गया उसको देखते हुए दिल्ली-नोएडा रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे […]

नई दिल्लीः 26 जनवरी पर किसानों के कुछ समूहों द्वारा शर्मनाक हरकत की वजह से किसानों का आंदोलन गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हिंसा के बाद अब कमजोर पड़ता नज़र आ रहा है। दिल्ली में जिस तरह का उपद्रव मचाया गया उसको देखते हुए दिल्ली-नोएडा रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया। इसके बाद यातायात पुलिस ने दिल्ली-नोएडा मार्ग यातायात के लिए फिर से बहाल कर दिया है। दूसरी तरफ, एनएच-24 पर भी किसानों की संख्या आधी रह गई है। दिल्ली-गाजियाबाद रोड को भी यातायात के लिए खोल दिया गया है। दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने 25 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं और 200 से अधिक लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस ने किसान नेता राकेश टिकैत और स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही दूसरे किसान नेताओं के खिलाफ भी अलग-अलग थानों में केस दर्ज हुए हैं। एक्टर दीप सिद्धू और लक्खा का भी नाम एफआईआर में दर्ज है। 

बता दें कि एनएच-24 पर बैठे किसान वापस लौटने लगे हैं। कुछ इसी तरह का नज़ारा चिल्ला बॉर्डर पर भी देखने को मिला। भारतीय किसान यूनियन (भानु) विरोध से पीछे हट गई। ये यूनियन दिल्ली और नोएडा को अलग करने वाली चिल्ला सीमा पर कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहा था। यूनियन के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि उनकी अंतरात्मा ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर हिंसा और लाल किले पर धार्मिक ध्वज फहराने के बाद धरनास्थल पर विरोध प्रदर्शन जारी रखने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद, दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा कि दिल्ली को गाजियाबाद से जोड़ने वाले मार्ग एनएच-24 को खोल दिया गया है।

किसान नेता राकेश टिकैत, जो इस किसान आंदोलन का संचालन कर रहे थे, बुधवार को यहां मौजूद थे। लेकिन धरनास्थल पर रात भर लाईटें बंद रही। 

हालांकि, गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने देर रात उनकी बिजली काट दी। किसानों को रात भर यह डर सताता रहा कि पुलिस देर रात पुलिस कार्रवाई कर सकती है। हालांकि, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। आंदोलन स्थल पर राकेश टिकैत ने कहा कि इस बाबत वह प्रशासन से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि यह वैचारिक क्रांति है, यह खत्म नहीं होगी।

केन्द्र द्वारा लागू किए गए 3 कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से दिल्ली-नोएडा रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया। दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना और राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है। वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है। नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू (भानु) के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया।

भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने चिल्ला बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कल ट्रैक्टर परेड के दौरान जिस तरह से दिल्ली में पुलिस के जवानों के ऊपर हिंसक हमला हुआ तथा कानून व्यवस्था की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, इससे वे काफी आहत हैं। गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन (भानू) नये कृषि कानूनों के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था। 

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