नई दिल्ली: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी (Delhi Excise Policy) मामले में ईडी (ED) की अब तक की जांच और चार्जशीट के मुताबिक आम आदमी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को इस तरह से बनाया गया था कि आम आदमी पार्टी अवैध रूप से चंदा इकट्ठा कर सके। इस नीति में जानबूझकर खामियां रखी गईं, ताकि अवैध गतिविधियां की जा सकें, जिससे नीति निर्माताओं की मंशा साफ हो जाती है।
ईडी की चार्जशीट में कहा गया है कि नई एक्साइज पॉलिसी बनाने से दिल्ली में शराब माफिया रुकेंगे, लेकिन थोक विक्रेताओं को पिछले दरवाजे से 12 फीसदी का मार्जिन दिया गया, जिसमें से छह फीसदी आम आदमी पार्टी के नेताओं को जाना था।
दरअसल, दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी की आड़ में शराब माफिया कार्टेल चल रहा था और सरकार की मदद से कुछ निर्माताओं और विक्रेताओं को मुनाफा देकर पिछले दरवाजे से रिश्वत ली जा रही थी।
चार्जशीट के मुताबिक इस पूरे शराब नीति घोटाले के मास्टरमाइंड विजय नायर अरविंद केजरीवाल के सबसे अहम सहयोगी हैं। ईडी को दिए बयान में विजय नायर ने बताया है कि वह अरविंद केजरीवाल के कैंप ऑफिस से ही काम करता है। बताया जा रहा है कि विजय नायर साल 2020 से दिल्ली के मंत्री कैलाश गहलोत को आवंटित सरकारी बंगले में रह रहे हैं।
चार्जशीट में कहा गया है कि विजय नायर को आम आदमी पार्टी के नेताओं के एक समूह से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली, जो दक्षिण भारत से जुड़ा हुआ है। जिसके महत्वपूर्ण लोग हैं – मंगुनता श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव, शरथ की कविता शामिल है रेड्डी और केसीआर की बेटी।
ईडी की चार्जशीट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी नाम ईडी ने कोर्ट में दावा किया है कि विजय नायर ने बताया कि उसने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और कैलाश गहलोत के इशारे पर यह सांठगांठ की। मंत्रियों के समूह यानी जीओएम द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया, कैलाश गहलोत और सतेंद्र जैन शामिल थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)