दिल्ली/एन.सी.आर.

Delhi water crisis: भीषण गर्मी के बीच दिल्लीवासी जूझ रहे पानी की भारी कमी से

राष्ट्रीय राजधानी में लोग पिछले कुछ समय से पानी की भारी कमी से जूझ रहे हैं। खासकर, चाणक्यपुरी, गीता कॉलोनी और संजय कैंप इलाके में पिछले कुछ दिनों से पानी की भारी कमी है।

Delhi water crisis: राष्ट्रीय राजधानी में लोग पिछले कुछ समय से पानी की भारी कमी से जूझ रहे हैं। खासकर, चाणक्यपुरी, गीता कॉलोनी और संजय कैंप इलाके में पिछले कुछ दिनों से पानी की भारी कमी है। इस बीच, दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

इन इलाकों के वीडियो फुटेज में स्थानीय लोगों को पानी के टैंकरों के पास कतार में खड़े होकर अपने खाली बर्तनों को फिर से भरने के लिए पाइप का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है।

पानी की आपूर्ति की कमी ने स्थानीय लोगों की दैनिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक निवासी के हवाले से कहा, “यहां पानी की भारी कमी है। जिनके पास पाइप नहीं हैं, उन्हें (टैंकरों से) पानी भी नहीं मिल पाता। पानी की कमी के कारण लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं।”

राष्ट्रीय राजधानी में पानी की आपूर्ति की कमी के जवाब में, दिल्ली सरकार ने प्रत्येक जोन में एडीएम/एसडीएम स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया है। ये अधिकारी तहसीलदारों और अन्य अधिकारियों की टीम के साथ मिलकर पानी के टैंकरों के वितरण की निगरानी और पानी से जुड़ी शिकायतों का समाधान करने के लिए ‘त्वरित प्रतिक्रिया दल’ के रूप में काम करेंगे।

11 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर पानी चोरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार के संरक्षण में पानी की चोरी हो रही है। दिल्ली जल बोर्ड, उसके अधिकारी, चेयरमैन और दिल्ली सरकार जल संकट के लिए जिम्मेदार हैं।”

उन्होंने कहा कि दिल्ली एक बूंद पानी के लिए संघर्ष कर रही है। कुछ महीनों में दिल्ली बाढ़ से जूझेगी क्योंकि नालों की सफाई नहीं की गई है।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट आज हिमाचल प्रदेश से अधिशेष पानी छोड़ने की दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करने वाला है। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन पीठ ने आप सरकार द्वारा अपनी याचिका में खामियों को दूर करने में विफल रहने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सोमवार को सुनवाई स्थगित कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने 6 जून को अपने आदेश में हिमाचल प्रदेश सरकार को हरियाणा को पूर्व सूचना देते हुए दिल्ली को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का आदेश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) को हरियाणा के हथिनीकुंड में हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए पानी को मापने का निर्देश दिया था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)