Delhi excise policy case: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा।
सिसोदिया ने जमानत याचिका दायर कर कहा है कि वह 16 महीने से जेल में हैं और पिछले साल अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 29 जुलाई की कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी।
16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई थी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा था।
आप नेता को अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
ईडी ने पिछले साल 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार होने के बाद सिसोदिया ने पिछले साल 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
उनकी दलीलों में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए विधि अधिकारी ने 4 जून को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मुख्य आबकारी नीति मामले और संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र और अभियोजन शिकायत क्रमशः 3 जुलाई को या उससे पहले दायर की जाएगी।
4 जून को शीर्ष अदालत ने दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था।
न्यायालय ने कहा था कि ईडी और सीबीआई द्वारा इन मामलों में क्रमश: अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाओं को फिर से शुरू कर सकते हैं।
सिसोदिया ने इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 21 मई को उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज करने के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। उन्होंने दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज करने वाले ट्रायल कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।