नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) के नियमों और विनियमों के अनुसार, आपत्तिजनक कपड़े पहनना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है और दंडनीय है (objectionable clothes is punishable)। DMRC ने यात्रियों के लिए एक ड्रेस कोड निर्धारित किया है, जो ऐसे कपड़े पहनने पर रोक लगाता है जो अशोभनीय, आपत्तिजनक या अन्य यात्रियों को असुविधा या असुविधा का कारण हो सकते हैं।
DMRC ने यह बयान मेट्रो में आपत्तिजनक कपड़े पहनकर सफर करती युवती का वीडियो व फोटो वायरल होने के बाद जारी किया है।
पिछले दो दिनों से वायरल हो रहे युवती के इस वीडियो को लेकर इंटरनेट मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। कई लोगों ने ट्वीट कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट मेट्रो में लड़की का इस तरह का पहनावा आपत्तिजनक बताया है। डीएमआरसी ने अब इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
डीएमआरसी का कहना है कि मेट्रो संचालन और रखरखाव अधिनियम की धारा 59 के तहत अश्लीलता दंडनीय अपराध है। इसलिए ऐसे मामलों में यात्रियों की शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी की जा सकती है। वीडियो वायरल होने के बाद मेट्रो में निगरानी बढ़ा दी गई है।
डीएमआरसी का कहना है कि अगर कोई यात्री इस तरह की ड्रेस में नजर आया तो उसकी जांच की जाएगी। इस तरह की हरकत दोबारा होने पर कार्रवाई भी की जाएगी।
DMRC ने बयान में कहा कि यदि कोई यात्री ड्रेस कोड का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है, तो उसे मेट्रो परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। यदि कोई यात्री पहले से ही मेट्रो परिसर के अंदर है, तो उसे परिसर छोड़ने के लिए कहा जा सकता है या जुर्माना या कारावास जैसी अन्य दंडों का सामना करना पड़ सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ‘आपत्तिजनक कपड़ों’ का चयन व्यक्तिपरक हो सकता है और सांस्कृतिक मानदंडों और व्यक्तिगत मान्यताओं के आधार पर भिन्न हो सकता है। DMRC के ड्रेस कोड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मेट्रो में यात्रा करते समय सभी यात्री सहज और सुरक्षित महसूस करें।