नई दिल्लीः केन्द्र सरकार (Central Government) ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) को बड़ा झटका देते हुए उनकी महत्वाकांक्षी योजना ‘राशन की डोरस्टेप डिलीवरी’ (Doorstep delivery scheme of ration) पर शुक्रवार को रोक लगा दी है। दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को मिली केंद्र की चिट्ठी में ये जानकारी दी गई है। हाल ही में ऐसा दूसरी बार है जब केंद्र और दिल्ली सरकार किसी मुद्दे पर आमने-सामने हैं। पहले केन्द्र ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक 2021 मामले में और अब राशन की डोरस्टेप डिलीवरी मामले में दोनों पक्ष एक बार फिर से आमने-सामने हैं।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी स्कीम पर रोक लगा दी है। योजना 25 मार्च से शुरू होनी थी। आम आदमी पार्टी का कहना है कि इस योजना के तहत दिल्लीवासियों को उनके घर पर राशन मिलेगा, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने इस योजना के संबंध में निविदा भी जारी की थी। लेकिन अब इस प्रतिबंध के कारण यह योजना शुरू नहीं की जाएगी। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है कि पूरे देश में राशन वितरित करना उनके अधिकार क्षेत्र में है। ऐसे में दिल्ली सरकार को इस योजना में कोई बदलाव नहीं करना चाहिए। चूंकि दिल्ली सरकार ने राशन वितरण के लिए एक नई योजना शुरू की है, इसलिए इसे प्रतिबंधित कर दिया गया है।
आपको बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने मुख्यमंत्री डोरस्टेप राशन योजना के तहत दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को उसके घर पर राशन देने की योजना बनाई थी। अब इस पर प्रतिबंध लगने के बाद आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर पूछा है कि मोदी सरकार इस योजना को रोककर राशन माफिया को खत्म करने का विरोध क्यों कर रही है।
जानकारी के अनुसार, पिछले हफ्ते दिल्ली सरकार ने 25 मार्च से इस योजना को शुरू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सीमापुरी सर्कल में 100 परिवारों को राशन वितरित करके मुख्यमंत्री डोरस्टेप राशन योजना का उद्घाटन करने वाले थे, जबकि अन्य सर्कल में यह योजना 1 अप्रैल से शुरू होनी थी।
आम आदमी पार्टी सरकार का दावा है कि राशन की डोरस्टेप डिलीवरी से कालाबाजारी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और राशन माफिया का अंत होगा। दिल्ली सरकार के अनुसार, यह योजना बहुत पहले शुरू हो गई थी, लेकिन बायोमीट्रिक मशीनों नहीं होने के कारण राशन की दुकानों में देरी हुई है। हालाँकि, इस योजना के बारे में एक कार्य योजना पहले तैयार की गई थी।
आपको बता दें कि इस योजना के तहत, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 70 विधानसभाओं में लगभग 17 लाख लोगों के घरों में राशन वितरित करने की योजना बनाई थी। हालाँकि, इसमें एक विकल्प यह भी था कि अगर कोई राशन की दुकान पर जाकर राशन लेना चाहता है, तो वह इसे ले सकता है। इस योजना के तहत, दिल्ली सरकार ने लोगों को गेहूं के बदले आटा देने की योजना बनाई थी।
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