नई दिल्लीः दिल्ली में 2008 के बटला हाउस एनकाउंटर (Batla House encounter) में एक पुलिस अधिकारी की हत्या के दोषी इंडियन मुजाहिदीन (Indian Mujahideen) के आतंकवादी (Terrorist) आरिज खान (Ariz Khan) को सोमवार को मौत की सजा सुनाई गई। सोमवार को दिल्ली की साकेत कोर्ट (Saket Court) में सजा पर हुई बहस के बाद अदालत ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस अपराध को रेयरेस्ट ऑफ रेयर (Rarest of Rare) केस माना है और आरिज खान को समाज के लिए खतरा बताते हुए मौत की सजा सुनाई। बता दें कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की दक्षिण दिल्ली के बटला हाउस में छिपे आतंकवादियों से मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा (Mohan Chand Sharma) की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए थे।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मूल निवासी आरिज खान को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फरवरी 2018 में 2008 में घटनास्थल से भागने के बाद गिरफ्तार किया था। उन्हें पिछले हफ्ते इस मामले में दोषी ठहराया गया था। खान दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में 2008 के सिलसिलेवार विस्फोटों का कथित मास्टरमाइंड भी है।
पुलिस ने खान के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए कहा कि यह सिर्फ हत्या नहीं थी बल्कि एक कानून प्रवर्तन अधिकारी की हत्या थी जो न्याय का रक्षक था। अतिरिक्त लोक अभियोजक एटी अंसारी ने पुलिस की ओर से कहा, यह मामला अनुकरणीय सजा को आकर्षित करता है, जो कि मृत्युदंड है। अरिज खान की ओर से पेश अधिवक्ता एमएस खान ने मौत की सजा का विरोध किया और कहा कि घटना पूर्व नियोजित नहीं थी।
अदालत ने 8 मार्च को कहा था कि यह साबित हुआ कि अरिज खान और उसके साथियों द्वारा पुलिस पर गोली चलाने से पुलिस अधिकारी की मौत हुई। मौत की सजा देने वाले ‘दुर्लभतम मामलों में सबसे दुर्लभ’ में से एक कहते हुए, सोमवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने खान को मौत की सजा के साथ 11 लाख का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा के परिवार के सदस्यों को 10 लाख तुरंत दिए जाने चाहिए।
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