छत्तीसगढ़

मुर्गी पालन और बटेर पालन से महिला समूह गढ़ रही है अपने भविष्य के सपने

समूह की हर महिलाएं कमा रही है 40 से 50 हजार सालाना आमदानी

मोहला: नारी शक्ति वह ताकत है, जो अगर कोई संकल्प ले और उसे पूरा करने की बीड़ा उठा लें, तो कामयाबी की राह खुद ब खुद चलकर आती है। महिलाएं अपने हुनर, ताकत और संगठन के दम पर कामयाबी की राह पर निकल पड़ी है।

जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के अंतर्गत मोहला की महिलाए संगठन बनाकर बटेर पालन और मुर्गी पालन का व्यवसाय कर रही है। मां बमलेश्वरी गंगा समूह के नाम से ये महिलाएं मुर्गी और बटेर पालन का व्यवसाय कर रही है। ये महिलाएं बिहान समूह से लखपति दीदी बनने के कगार पर अग्रसर है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती फूलवती तारम ने बताया कि उनके साथ समूह में पांच महिलाएं काम कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि पहले वे अपने घरों तक सीमित थीं। उन्होंने बताया कि वे समूह बनाकर उन्होंने मुर्गी और बटेर पालन का व्यवसाय कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इससे उन्हें सालाना 2 से 3 लाख रूपये लाभ अर्जित हो रहा है। उन्होंने बताया कि समूह के प्रत्येक महिलाओं को प्रति साल 40 से 50 हजार रुपये का आर्थिक आमदनी हो रहा है।

उन्होंने बताया कि पहले वे अपने घरेलू खर्च के लिए दूसरे पर निर्भर रहती थी। ऐसे में उन्होंने बटेर और मुर्गी पालन व्यवसाय करने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया की शुरुआत में उन्हें इस व्यवसाय का कोई अनुभव नहीं था।

उन्होंने बताया कि जनपद पंचायत से संपर्क कर उन्होंने एनआरएलएम योजना से प्रशिक्षण लिया। अब वह काफी अच्छे ढंग से मुर्गी व बटेर पालन का व्यवसाय कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मुर्गी और बटेर पालन के व्यवसाय से उनके घर की आर्थिक आमदनी के स्तर में सुधार हुआ है। अब समूह की सभी महिलाएं काफी खुश हैं।