बलरामपुर: शासन की बहुआयामी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा एक महत्वपूर्ण घटक है, नरवा संवर्धन से जल संचय तथा भू-जल स्तर में वृद्धि के साथ-साथ नालों में वर्ष भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। नरवा संवर्धन के अंतर्गत चयनित विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम पंचायत गिरवरगंज में जहां एक समय कृषकों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पाता था, वहीं अब नाला उपचार उपरांत खेतों में जलापूर्ति का किसानों को सीधा फायदा मिल रहा है तथा किसान रबी और खरीफ दोनों फसल लें पा रहे हैं। 1142 लोगों की आबादी वाले ग्राम पंचायत गिरवरगंज में 932 अनुसूचित जनजाति तथा 42 अनुसूचित जाति के लोग निवासरत हैं।
ग्रामवासियों की आजीविका का मुख्य व्यवसाय कृषि आधारित है, इसलिए वर्ष भर पानी की उपलब्धता न होना सीधे इनके आजीविका को प्रभावित करता था। वस्तुस्थिति तथा कृषकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए नरवा संवर्धन के लिए ग्राम पंचायत गिरवरगंज को चयनित कर समस्त नाला एवं भूमि का सर्वे उपरांत जीआईएस आधारित डीपीआर तैयार किया गया। तत्पष्चात् डीपीआर में सम्मिलित कार्यों की स्वीकृति नाला के उपचार हेतु प्राप्त हुई। नरवा के सर्वे के दौरान पाया गया कि नाला में पानी जुलाई से फरवरी माह तक ही रहता था तथा जीआईएस मैप के अनुसार मिट्टी का कटाव 167 हे. हो रहा था।
नरवा उपचार के तहत् एससीटी, सीसीटी., गली प्लग, बोल्डर चेक डेम, गेबियन संरचना, मेढ़बंधी निर्माण, डबरी निर्माण, सामुदायिक कूप निर्माण, मिट्टी बांध निर्माण/मरम्मत, वाटर वियर इत्यादि निर्माण कार्यों को शामिल कर वर्षा ऋतु के पूर्व समय-सीमा में कार्य को पूर्ण कराया गया। नाला के उपचार करने से नाला में जल का बहाव जुलाई से अप्रैल तक हो गया तथा मिट्टी के कटाव में 72 हे. की कमी आई। नाला के उपचार के पूर्व किसान पानी के अभाव में केवल एक फसल ही ले पाते थे। किन्तु नाला के उपचार के पश्चात् किसान दो फसल ले रहे हैं। जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है और उन्हें प्राकृतिक जल स्त्रोतों का तकनीक के उपयोग व बेहतर प्रबंधन से समावेशी उपयोग की जानकारी मिल रही है। नरवा के माध्यम से बड़े क्षेत्रफल को सिंचित किया जा रहा है, जिसका सीधा लाभ किसानों को हो रहा है। नरवा संवर्धन कर जिला प्रशासन ने किसानों की आय बढ़ाने की राज्य शासन की मंशा को साकार किया है।
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