रायपुर: सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि सहकारिता की व्यापकता में पूरा विश्व समाया हुआ है। आज पूरे विश्व में एक अरब से भी ज्यादा लोग सहकारिता से जुड़े हैं। हमारे देश में करीब 30 करोड़ से अधिक लोग सहकारिता से जुड़े हैं। सहकारिता की पहुंच गांव-गांव व घर-घर तक है। इसी कारण आज हमारे देश में 8 लाख से भी अधिक सहकारी संस्थाएं विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों को लेकर अपने सदस्यों की आर्थिक उन्नति के लिए काम कर रही है। डॉ. टेकाम आज अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर के सभागार में आयोजित ‘एक साथ बेहतर पुनर्निर्माण’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
सहकारिता मंत्री डॉ. टेकाम ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से अनेक लोक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से किसान अपने कृषि कार्य में बढ़ोत्तरी कर आय को दोगुना करने में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही प्रदेश के किसानों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को समृद्ध किया जा सकता है। सहकारिता विभाग द्वारा किसानों पर बकाया 10 हजार करोड़ रूपए का ऋण माफ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मछलीपालन, लाखपालन को भी कृषि का दर्जा दिया है। बस्तर क्षेत्र में लाख की फसल अच्छी होती है। सहकारी बैंक के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज पर लाख पालन और मछलीपालन के लिए अब ऋण दिया जाएगा।
मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी सहकारिता को मजबूती देने का कार्य किया जा रहा है। शासन द्वारा वर्ष 2018 में सभी किसान सदस्यों के अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ किया गया, जिससे किसानों को कर्ज से मुक्ति मिली। कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने में अग्रसर हो सके। सरकार द्वारा किसानों से धान की खरीदी, राज्य में फसल विविधीकरण, कृषि उत्पादकता एवं उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए तक इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। किसानों को सर्वाधिक इनपुट सब्सिडी देने वाला छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र राज्य है। उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ में कृषि भी लाभ का व्यवसाय बन रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की जनकल्याणकारी गोधन न्याय योजना से राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही रोजगार एवं दुग्ध उत्पादन व्यवसाय को बढ़ावा मिल रहा है। प्रदेश में कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद कम कीमत पर उपलब्ध करायी जा रही है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में धान और गन्ना से इथेनॉल निर्माण के लिए प्लांट की स्थापना और इसकी केन्द्र सरकार से अनुमति के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस दिशा में सहकारिता विभाग ने भोरमदेव शक्कर कारखाना में पीपीपी मॉडल पर इथेनॉल संयंत्र की स्थापना की जा रही है। सहकारिता का यह पहला उदाहरण होगा, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से गन्ना प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। इससे उत्पादक किसानों के साथ-साथ क्षेत्र के आर्थिक उन्नति में भी सहायता मिलेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर ने की। इस अवसर पर विधायक सत्यनारायण शर्मा, पूर्व विधायक डोमेन्द्र भेड़िया सहित चंद्रशेखर शुक्ला, पुरूषोत्तम पटेल, परमेश्वर यदु, जानकीराम सेठिया, मोतीलाल देवांगन, नितिन पोटाई एवं सहकारिता क्षेत्र से जुड़े अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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