छत्तीसगढ़

गांव के गली मोहल्ले में खेले गए खेल आज बना रहे राज्य स्तर पर पहचान

खेल रंग में डूबे छत्तीसगढ़ वासी जहां खेल में नहीं है कोई उम्र की सीमा, छत्तीसगढ़ी खेल की महत्ता को समझा रहा छत्तीसगढ़िया ओलंपिक, शिक्षित हो या अशिक्षित निःसंकोच आगे बढ़ क्षेत्रीय खेल प्रतियोगिता में दिखा रहे कौशल

दंतेवाड़ा: ‘खेलोगे कूदोगे होंगे खराब पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब’ इस वाक्य से जहाँ हर अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने की समझाइश देते थे। ऐसी धारणाओं को आज हमारे जीवन मे खेल के महत्व ने गलत साबित किया है। वर्तमान में आज पढ़ाई के साथ खेल जैसे गतिविधियां भी बहुत महत्वपूर्ण है। माननीय मुख्यमंत्री के संकल्पों के अनुरूप पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है।

इस ओलंपिक के माध्यम से सभी वर्गों बच्चों से लेकर बुजुर्गों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिनको लगता था कि खेल एक उम्र की सीमा तक ही खेली जा सकती है। आज वे भी इस ओलंपिक में शामिल हो कर खुश हो रहे हैं। राज्य शासन द्वारा शुरू की गई छत्तीसगढि़या ओलंपिक ने सभी को अपने बचपन मे खेले गए खेलों को याद दिला दिया। पुरातन समय मे ग्रामीण क्षेत्रों में इन पारंपरिक खेल का काफी महत्व था। जहां बच्चे गली, मोहल्लों में बाटी, फुगड़ी, गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी, जैसे विभिन्न खेलों को मनोरंजक माहौल बना देते थे और लोग भी बड़ी आतुरता के साथ खेल का आनंद लेते हुए विजेता का इंतज़ार करते थे।

लेकिन बदलते परिवेश के साथ ये भी अंधेरों में कहीं धूंध सी नजर आ रही थी या एक तरह से कहा जा सकता है कि लुप्तता की कगार पर पहुँच चुके थे लेकिन अब राज्य शासन के प्रयास ने इस ओलंपिक के माध्यम से विलुप्त हो रहे खेलों को जीवंत कर दिया है। विभिन्न खेल गतिविधियों के आयोजन में सभी बड़े ही उत्साह से शामिल हो रहे हैं। सभी अपनी-अपनी भागीदारी दिखाकर खेलों में रुचि लेते हुए आगे आ रहे हैं।

शासन के महत्वपूर्ण प्रयासों से आज खेल के क्षेत्रों में काफी सुधार हो रहा है। नई पीढ़ी जो आज की तकनीकी संसाधनों के बीच अपने पारंपरिक खेलों से अनभिज्ञ थे आज उन्हें सीखने का अवसर मिल रहा है आने वाले समय में खेलों के क्षेत्र में ये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले खेलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।

बच्चे, युवा वर्ग, वृद्धजन आज बहुत ही अदम्य साहस और उत्साह के साथ खेलने आगे आ रहे हैं। और सभी हौसला अफजाई करते हुए एक दूसरे को आगे बढ़ने प्रेरित कर रहे हैं आज छत्तीसगढ़िया ओलंपिक ने खेलों की स्थिति बदल दी है कोई भी व्यक्ति खेलों में भाग ले सकता हैं, चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित।

ऐसे में सभी निःसंकोच आगे बढ़ एक दूसरे को आगे लाने प्रोत्साहित कर रहे हैं। राज्य शासन द्वारा शुरू हुए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में सभी आयु वर्ग के लोग निर्धारित श्रेणी में 14 प्रकार के खेलों में अपनी निपुणता दिखाते हुए विभिन्न स्तरों को पार कर राज्य स्तर पर अपनी लोहा मनवाने व प्रतिभा दिखाने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे।