छत्तीसगढ़

कमिश्नर ने किया सेरीखेड़ी मल्टी यूटिलिटी सेंटर का अवलोकन, हर्बल गुलाल के व्यापक प्रचार-प्रसार को कहा

रायपुर: कमिश्नर रायपुर संभाग ए. टोप्पो ने आज राजधानी रायपुर के नजदीक सेरीखेड़ी के कल्पतरु मल्टी यूटिलिटी सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे विभिन्न उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को देखा साथ ही उनके कच्चे माल की आपूर्ति की व्यवस्था, पैकेजिंग […]

रायपुर: कमिश्नर रायपुर संभाग ए. टोप्पो ने आज राजधानी रायपुर के नजदीक सेरीखेड़ी के कल्पतरु मल्टी यूटिलिटी सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे विभिन्न उत्पादों की निर्माण प्रक्रिया को देखा साथ ही उनके कच्चे माल की आपूर्ति की व्यवस्था, पैकेजिंग और मार्केटिंग की जानकारी ली। 

कमिश्नर ने यहां साबुन निर्माण, सैनिटाइजर उत्पादन, पेंसिल निर्माण, चप्पल निर्माण, बांस से निर्मित ट्री गॉर्ड एवं अन्य उत्पाद, अगरबत्ती निर्माण, बेकरी उत्पाद, मास्क निर्माण और गमला निर्माण की गतिविधियों को देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्होंने महिलाओं द्वारा तैयार किए गए बेकरी उत्पादों और हर्बल चाय का स्वाद भी लिया। उन्होंने इसकी गुणवत्ता और स्वाद की सराहना की। 

अवलोकन के अवसर पर रायपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह महिलाओं द्वारा तैयार किये जा सामग्रियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोरोना जैसे महामारी के दौरान मास्क की त्वरित आवश्यकता एवं उपयोगिता को देखते हुए सेरीखेड़ी डोम के सिलाई यूनिट में मास्क का निर्माण प्रारम्भ किया गया। इस यूनिट में महिला स्व- सहायता से जुड़ी 20 महिलायंे अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ मास्क निर्माण का कार्य कर रहीं है। यहाँ पर टू-लेयर, थ्री-लेयर के मास्क का निर्माण किया जा रहा है। महिलाओ द्वारा निर्मित मास्क को विभिन्न विभागों, कार्यालयों, कॉर्पोरेट ऑफिस आदि में विक्रय किया जा रहा है। इसी तरह कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सेंटर में सेनेटाइजर का भी निर्माण भी महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। सेंटर में जेल और लिक्विड दो तरह के सेनेटाइजर का निर्माण किया जा रहा है।

कमिश्नर ने सबसे पहले अगरबत्ती इकाई का भ्रमण किया गया। यहां 70 महिलाएं अगरबत्ती बनाने का कार्य कर रही है। मशरूम इकाई के भ्रमण के समय जानकारी दी गई कि महिलाएं प्रतिदिन 40-50 किलो मशरूम उत्पादन किया जाता है। उसके बाद उन्होंने अमेरिका में निर्यात किए जा रहें एरिका पाॅम के पत्तों से बनें दोनो व पत्तल की ईकाई का भ्रमण किया। उन्होंने बेकरी में बन रहे विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पाद की जानकारी ली और आंवला कैन्डी की तारीफ की। 

कमिश्नर ने सेन्टर में चल रही विभिन्न उत्पादों जैसे साबुन, टी गार्ड, सिलाई, एल.ए.डी बल्ब, हैण्डवास, फिनाइल निर्माण का भ्रमण करते हुए उसके उत्पादन व मार्केटिंग की जानकारी ली। उन्होंने होली में बिकने वाले हर्बल गुलाल की अच्छी गुणवत्ता को देखते हुए इसका व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा। कमिश्नर ने सेन्टर में कार्य कर रही महिलाओं के काम की व्यापक सराहना की।

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