रायपुर: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी से प्रदेश के ग्रामीणों को रोजगार के साथ-साथ स्वावलंबन की राह मिल रही है। गौठान योजना के माध्यम से जहां स्व-सहायता समूह के ग्रामीण महिलाएं सब्जी-बाड़ी, खेती-किसानी और पारंपरिक छोटे-छोटे व्यवसाय से सशक्त हो रही है। वहीं जैविक खेती को बढ़ावा भी मिल रहा है।
सूरजपुर जिले के सोनगरा गौठान जो प्रतापपुर विकासखंड में स्थित है। पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग व नोडल विभाग कृषि व जैव प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त प्रयास से इस आदर्श गौठान में महिला समूहों को सतत रूप से रोजगार का जरिया उपलब्ध कराते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां महिला समूहों के द्वारा वर्मी कंपोस्ट निर्माण के साथ-साथ बाड़ी में बैंगन, टमाटर, पालक, धनिया, गोभी, लौकी, खीरा इत्यादि फसलें ली जा रही है। अब यह पोषण बाड़ी के रूप में विकसित हो चुकी है।
गौठानों में लगायी गई बाड़ी में सुशीला स्वयं सहायता समूह द्वारा 2 एकड़ में ‘‘पिट विधि‘‘ से गन्ने का पौधा लगाया गया है, गन्ने की क्यारियों के बीच करेला का भी रोपण किया गया है, जिससे अंतर्वर्ती फसल के रुप में करेला तैयार कर अतिरिक्त आय ली जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सोनगरा गौठान में विगत दिनों स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भ्रमण के दौरान ‘‘मशरूम-हाट‘‘ का लोकार्पण किया था। यहां सुशीला स्व-सहायता महिला समूह द्वारा उन्नत किस्म के मशरूम तैयार किया जा रहा है। गुलाब महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है। उन्हें कम्पोस्ट खाद बिक्री की लाभांश राशि 19000 प्राप्त हो हुई है। सोनगरा गौठान के मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में करने में जिला प्रशासन का निरंतर सहयोग मिल रहा है।
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