छत्तीसगढ़

अल्प बारिश में सोलर पंप बने फसलों के लिए संजीवनी

रायपुर: राज्य के कई इलाकों में अल्प वर्षा के चलते खरीफ फसलों को सूखने से बचाने में सोलर पंप संजीवनी साबित हो रहे है। सरकार की सौर सुजला योजना के अंतर्गत सुदूर ग्रामीण एवं वनांचल के किसानों के लिए क्रेडा द्वारा स्थापित सोलर पंप फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर काम आ रहे हैं। सौर […]

रायपुर: राज्य के कई इलाकों में अल्प वर्षा के चलते खरीफ फसलों को सूखने से बचाने में सोलर पंप संजीवनी साबित हो रहे है। सरकार की सौर सुजला योजना के अंतर्गत सुदूर ग्रामीण एवं वनांचल के किसानों के लिए क्रेडा द्वारा स्थापित सोलर पंप फसलों की सिंचाई के लिए भरपूर काम आ रहे हैं। सौर सुजला योजना लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए एक सफल योजना है। गरियाबंद जिले में सौर सुजला योजना के तहत अभी तक कुल 7025 सोलर पंप स्थापित किये जा चुके है। उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले में सौर सुजला योजना के प्रथम चरण से लेकर चतुर्थ चरण तक 5860 सोलर पंपों की स्थापना की गई है। सोलर पंपों की स्थापना की दृष्टि से गरियाबंद जिला अग्रणी है। जिले में सौर सुजला योजना के पंचम चरण में 2000 पंप स्थापना के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 1235 पंप स्थापित किये जा चुके है। शेष पंपों की स्थापना का काम जारी है।

सौर सुजला योजना के तहत विद्युतविहीन एवं दूरस्थ ग्रामों के किसानों को कृषि कार्य हेतु 95 प्रतिशत तक अनुदान में 3.5 लाख से 4.5 लाख रूपये लागत मूल्य के सोलर पंपों को मात्र 10 हज़ार से 21 हजार रूपये में प्रदान किया जा रहा है। पहले किसानों के पास सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं होने पर वे पूर्ण रूप से फसलों की सिंचाई के लिये वर्षा पर निर्भर रहते थे। बारिश नहीं होने या अल्प वर्षा की स्थिति में किसानों की फसल खराब हो जाती  थी, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होता था। वर्तमान में सौर सुजला योजना ने किसानों को काफी राहत दी है। इस योजना से स्थापित सोलर पंप के कारण अब किसानों को  बारिश पर निर्भर नहीं होना पडता है तथा सिचाई की सुविधा मिल जाने से अब पैदावार  भी बेहतर होने लगी है। सौर सुजला योजना के तहत लाभान्वित किसानों की आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है।

विकासखण्ड मैनपुर के ग्राम पथर्री के किसान श्रवण सिंह, जयराम नेताम, धनसिंग नेताम ने बताया कि सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं होने से बमुश्किल खरीफ फसलों की खेती कर पाते थे । आज स्थिति यह है कि खरीफ साथ-साथ अब वह रबी फसलों की भी खेती करने लगे हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ी है। जीवन स्तर में बदलाव आया है। इसी तरह विकासखण्ड देवभोग के ग्राम कुम्हडईकला के किसान श्री शेषमल गिरिराज एवं श्री तुलसीदास पात्रा पहले सिंचाई साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण कृषि जमीन होते हुये भी फसल नहीं ले पा रहे थे, पर सौर सुजला ने उनकी सिंचाई समस्या खत्म कर दी है। अब वह  अपनी जमीन पर सब्जी की भरपूर खेती करने लगे हैं। सोलर पंप लगाने से उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है।

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