उत्तर बस्तर कांकेर: राज्य सरकार ने हरेली पर्व 28 जुलाई से गोधन न्याय योजना के तहत गोमूत्र की खरीदी प्रांरभ कर दी गई है। छत्तीसगढ़ गौ-मूत्र खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य है, जो किसान एवं पशुपालक और ग्रामीणों से दो रूपये किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 04 रूपये प्रति लीटर में गौमूत्र की खरीदी भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह पहल वास्तव में राज्य में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ ही पशुपालकों की आय और जैविक खेती को बढ़ावा देना है। राज्य में बीते दो साल में जैविक खाद के निर्माण से जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। गौमूत्र खरीदी का मकसद गौठानों में जैविक कीटनाशक, जीवामृत ग्रोथप्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि राज्य के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।
कांकेर जिले में 09 सितम्बर तक 08 हजार 86़0 रूपये के दो गौठानों में 1365 लीटर गौमूत्र की खरीदी किया गया है। गौमूत्र से 422 लीटर कीटनाशक उत्पादित कर 05 हजार 950 रूपये का आय अर्जित किया गयौ। पोटगाव गौठान में 327 लीटर और भिरौद के गौठान में 1038 लीटर गौमूत्र की खरीदी की गई है।