छत्तीसगढ़

घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शासन द्वारा सड़क निर्माण से खुली खुशहाली एवं उन्नति की राहें

राजनांदगांव : राहें पहुंचाती हैं मंजिल तक। राहों से तकदीर बदलती है, जिन्दगी बदलती है। खासकर घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन रास्तों के बहुत मायने हैं। दूरस्थ घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शासन द्वारा सड़क निर्माण से खुशहाली एवं उन्नति की राहें खुली है। इन क्षेत्रों में नक्सली हिंसक गतिविधियों के कारण लंबे समय […]

राजनांदगांव : राहें पहुंचाती हैं मंजिल तक। राहों से तकदीर बदलती है, जिन्दगी बदलती है। खासकर घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इन रास्तों के बहुत मायने हैं। दूरस्थ घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शासन द्वारा सड़क निर्माण से खुशहाली एवं उन्नति की राहें खुली है। इन क्षेत्रों में नक्सली हिंसक गतिविधियों के कारण लंबे समय तक विकास अवरूद्ध रहा। रोड कनेक्टीविटी से विकास के कई नये आयाम खुल रहे हैं। जिले के विधानसभा क्षेत्र मोहला-मानपुर में आरसीपीएलडब्ल्यूई आर.आर.पी.-2 योजनांतर्गत 24 करोड़ 37 लाख 59 हजार रूपए की लागत से कोहका-सीतागांव-औंधी-मुरूमगांव मार्ग का निर्माण किया गया है। इस मार्ग की लंबाई 33.50 किलोमीटर है, जिसमें साथ ही पुल-पुलिया सहित सड़क निर्माण कार्य किया गया है। इस मार्ग के निर्माण होने से ग्राम कोहका, कन्दाड़ी, हलोरा, लेखेपाल, सीतागांव, सेन्डावाही, गढ़दोमी, डोंगरगांव, आलकन्हार, साल्हेभट्टी, औंधी के ग्रामवासियों को प्रत्यक्ष रूप से एवं आस-पास के लगभग 40 ग्रामों के लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से सुगम यातायात की सुविधा प्राप्त हो रही है। मार्ग के निर्माण से कृषि कार्य में कृषक लाभान्वित हो रहे हैं साथ ही महतारी एक्सप्रेस एवं दुर्घटना की स्थिति में 112 की गाड़ी शीघ्र ही पहुंच पा रही है जिससे समय पर स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध हो रहा है। यह मार्ग अंतर्राज्यीय मार्ग होने के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश को महाराष्ट्र से जोड़ता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मार्ग निर्माण से क्षेत्र के ग्रामवासियों को ब्लाक मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय आने-जाने में सुविधा हो रही है। अधोसंरचना मजबूत हुई इसके साथ ही बुनियादी सुविधाएं शिक्षा, पेयजल, खाद्यान्न एवं सुविधाएं इन क्षेत्रों में पहुंच रही है।

इसी तरह 11 करोड़ 89 लाख 47 हजार रूपए की लागत से पानाबरस-परवीडीह-मिस्प्री-भोजटोला मार्ग का निर्माण किया गया है। जिसकी लंबाई 30.20 किलोमीटर तथा पुल-पुलिया सहित निर्माण कार्य किया गया है। इस कार्य को लोक निर्माण विभाग संभाग राजनांदगांव द्वारा 30 सितम्बर 2021 को पूर्ण किया गया है। इस मार्ग के निर्माण होने से ग्राम पानाबरस, भैसबोड़, रामगढ़, पारडी, परवीडीह, हिड़कोटोला, मिस्प्री, मडियानवाड़वी, सांगली, भोजटोला के ग्रामवासियों को प्रत्यक्ष रूप से एवं आस-पास के लगभग 30 ग्रामों के ग्रामवासियों को अप्रत्यक्ष रूप से सुगम यातायात की सुविधा प्राप्त हो रही है। यह मार्ग अंतर्राज्यीय मार्ग होने के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश को महाराष्ट्र से जोड़ता है।

विकासखण्ड मानपुर के अंतर्गत 3 करोड़ 62 लाख 99 हजार रूपए की लागत से कोरकोट्टी जंक्शन से कनेली मार्ग का निर्माण किया गया है। जिसकी लंबाई 7.30 किलोमीटर है साथ ही पुल-पुलिया सहित सड़क निर्माण कार्य किया गया है। इस मार्ग के निर्माण होने से ग्राम कोरकोट्टी, हनैकला, नागुटोला, चिखलाकसा, कनेली, चावांरगांव के ग्रामवासियों को प्रत्यक्ष रूप से एवं आस-पास के लगभग 10 ग्रामों के ग्रामवासियों को अप्रत्यक्ष रूप से सुगम यातायात की सुविधा प्राप्त हो रही है।

विकासखण्ड मानपुर के अंतर्गत 3 करोड़ 7 लाख 27 हजार रूपए की लागत से टोहे से परालझरी मार्ग का निर्माण किया गया है। जिसकी लंबाई 5.55 किलोमीटर है तथा पुल-पुलिया सहित सड़क निर्माण कार्य किया गया है। इस मार्ग के निर्माण होने से ग्राम टोहे, घोटिया, परालझरी के ग्रामवासियों को प्रत्यक्ष रूप से एवं आस-पास के लगभग 25 ग्रामों के ग्रामवासियों को अप्रत्यक्ष रूप से सुगम यातायात की सुविधा प्राप्त हो रही है। यह मार्ग जिला राजनांदगांव को कांकेर जिला से जोड़ता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मार्ग निर्माण से क्षेत्र के ग्रामवासियों को ब्लाक मुख्यालय एवं जिला मुख्यालय आने-जाने में सुविधा हो रही है, जो क्षेत्रवासियों के लिए महत्वपूर्ण है।