रायपुर : कोई व्यक्ति कितना भी पद और शोहरत हासिल कर ले, उसे अपनी हकीकत नहीं भूलनी चाहिए। हमेशा मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा कार्य करता है, उसे समाज सम्मान देता है। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज द योगा इंस्टीट्यूट मुंबई के रायपुर केन्द्र के शुभारंभ अवसर पर कही। राज्यपाल ने योग केन्द्र के शुभारंभ के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जो सकारात्मक रहता है और नियमित रूप से योग और प्राणायाम करता है, वह निश्चित ही निरोगी रहेगा।
राज्यपाल ने कहा कि मैंने विद्यार्थी जीवन से अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत की। उसके बाद काफी कम उम्र में विधायक के पद पर निर्वाचित हुई और मंत्री भी बनीं। इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य, राज्यसभा सदस्य तथा राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहन करने का अवसर प्राप्त हुआ। आज मुझे छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद का दायित्व संभालने का अवसर प्राप्त हुआ। इस बीच मेरे जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव भी आए। परंतु मैंने अपना दृष्टिकोण सकारात्मक रखा कभी हिम्मत नहीं हारी और हर चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ती रही। मैं हमेशा प्रकृति के साथ रही, इसका प्रभाव निश्चित ही मेरी जीवन शैली पर पड़ा। उन्होंने कहा कि अवश्य योग करें, लेकिन योग करने के साथ-साथ हमेशा सेवा भावी रहें। हमेशा दूसरों के प्रति दृष्टिकोण सकारात्मक रखें और बिना किसी अपेक्षा के सहायता करें।
राज्यपाल ने कहा कि भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। हजारों वर्ष पहले हमारे पूर्वजों ने हमें जो अनेक बहुमूल्य निधियां प्रदान की है, उनमें योग महत्वपूर्ण है। आज योग के महत्व को पूरी विश्व ने स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून 2015 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय लिया। तब से हर वर्ष 21 जून को योग दिवस का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्राकृतिक खेती का महत्व बताते हुए कहा है कि प्राकृतिक खेती करने से ऐसे उत्पाद प्राप्त होंगे जो हमें अधिक स्वस्थ रखेंगे। राज्यपाल ने आमजनों से आग्रह करते हुए कहा कि आधुनिक जीवनशैली के दुष्परिणाम से बचने के लिए हम सभी नेचेरोपैथी और योग को अपनाएं और उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
विधायक श्री कुलदीप जुनेजा ने कहा कि जो हमेशा योग करता है, वह निरोगी रहता है। पिछले कुछ समय से हमने कोरोना जैसे संक्रमण से जूझ रहे हैं परंतु इस कोरोना काल ने हमें योग, व्यायाम के साथ-साथ परिवार के महत्व को बताया।
द योगा इंस्टीट्यूट की संचालिका डॉ. हंसा योगेन्द्र ने कहा कि आज के व्यस्त जीवन में हमें अपने आप को पहचाने। हम प्रतिदिन अपने लिए एक घंटा समय दें। प्रातः उठकर सकारात्मक विचार करें और प्रकृति को निहारें। निश्चित ही ऐसा करने से हम सकारात्मक रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे।
इस अवसर पर श्री ऋषि योगेन्द्र, रायपुर केन्द्र की प्रमुख श्रीमती लीना नंजियानी एवं सुश्री सुशील पुनिया उपस्थित थीं।
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