उत्तर बस्तर कांकेर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम गोटुलमुण्डा में लघु धान्य प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना की गई है। प्रसंस्करण केन्द्र के लिए स्व-सहायता समूह की महिलों द्वारा शेड का निर्माण किया गया तथा कोदो एवं रागी के प्रसंस्करण का कार्य प्रारंभ किया गया, जिससे समूह की महिलाओं को अब तक लगभग 06 लाख रूपये की आमदनी हो चुकी है।
इस लघु धान्य प्रसंस्करण केन्द्र से लगभग 350 कृषक जुड़े हुए हैं, जो कोदो, कुटकी, रागी का उत्पादन करते हैं। महिला समूह द्वारा लघु धान्य प्रसंस्करण इकाई के लिए किसानों से 38 रूपये प्रति किलो की दर से रागी खरीदा जा रहा है, जबकि शासन द्वारा रागी का समर्थन मूल्य 33 रूपये निर्धारित की गई है।
कोदो को 25 रूपये प्रति किलो की दर से किसानो से खरीदा जाता है तथा प्रसंस्करण पश्चात उसे 70 रूपये प्रति किलो की दर से विक्रय किया जाता है। इसी प्रकार रागी को 50 रूपये प्रति किलो की दर से बेचा जाता है।
कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला ने बुधवार को लघु धान्य प्रोसेसिंग इकाई गोटुलमुण्डा का आकस्मिक निरीक्षण किया तथा स्व-सहायता समूह से जुडी महिलाओं से बातचीत कर उनकी गतिविधियों की जानकारी ली।
समूह की महिलाओं ने बताया कि प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से उन्हे आर्थिक आमदनी हो रही है तथा उनके जीवन में बदलाव आया है। प्रसंस्कृति कोदो एवं रागी को पूरक पोषण आहार के लिए ऑगनबाड़ी केन्द्रों को सप्लाई की जाती है, साथ ही दुर्ग की कम्पनी द्वारा भी खरीदी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि जल्द ही यहॉ पर मिनी राईस मिल की स्थापना भी की जावेगी।