छत्तीसगढ़

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पर्यवेक्षक के अथक प्रयास एवं दृढ़ संकल्प से लव-कुश ने जीती कुपोषण से जंग

दंतेवाडा: छत्तीसगढ़ राज्य का आदिवासी बहुल जनसंख्या वाला जिला है जो कि अतिपिछड़ा, अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित जिला है, जहां अशिक्षा, गरीबी, अधारभूत संरचनाओं की कमी, अजीविका की कमी, दूरसंचार माध्यमों की कमी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना किरंदुल सेक्टर किरंदुल की महिला (जोगी तामो) ने दिनांक 8 अगस्त 2020 को दो जुड़वा […]

दंतेवाडा: छत्तीसगढ़ राज्य का आदिवासी बहुल जनसंख्या वाला जिला है जो कि अतिपिछड़ा, अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित जिला है, जहां अशिक्षा, गरीबी, अधारभूत संरचनाओं की कमी, अजीविका की कमी, दूरसंचार माध्यमों की कमी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना किरंदुल सेक्टर किरंदुल की महिला (जोगी तामो) ने दिनांक 8 अगस्त 2020 को दो जुड़वा बच्चों (लव और कुश) को घर पर जन्म दिया। दोनो बालक जन्म से ही अति गंभीर कुपोषित थे। बच्चों के जन्म के छः माह उपरांत किसी समिति के द्वारा यह बताया गया कि किरंदुल कोटवार पारा की जोगी तामो ने दो जुड़वा बच्चों को घर पर जन्म दिया यह बात संज्ञान में आते ही कार्यकर्ता, सेक्टर सुपरवाइजर, परियोजना अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग पीएचसी कुआकोण्डा के आरएचओ द्वारा गृह भेंट कर दोनो बालकों को तत्काल एनआरसी भेजने की सलाह दी गयी।

किंतु बच्चों की माता जोगी तामो एनआरसी जाने को तैयार नही थी वहां उपस्थित सभी ने लोगो ने उन्हे समझाया जिसके बाद दोनों बच्चों को दंतेवाड़ा एनआरसी 04 फरवरी 2021 को भर्ती किया गया। भर्ती के समय बालक लव की उम्र 08 माह वजन 3.990 तथा बालक कुश की उम्र 08 माह वजन 4.00 किलाग्राम के थे। दोनो बच्चों को 15 दिनों के लिए एनआरसी में देखरेख किया गया। जिससे दोनो बच्चों के स्वास्थ्य मे काफी सुधार हुआ और साथ ही बच्चों का वजन भी बढ़ा। इसके उपरांत दोनों बालकों को डिस्चार्ज किया गया और घर पर ही टीकाकरण किया गया। अब दोनो बालक स्वस्थ है साथ ही एनआरसी से प्रत्येक 15 दिनों बाद फालोअप के लिए बुलाया गया है।

वर्तमान में कोविड-19 के महामारी की वजह से फालोअप के लिए एनआरसी नही ले जाया गया है। परंतु कार्यकर्ता द्वारा लगातार गृह भेंट के माध्यम से बालको की देखरेख एवं उनकी माता को उचित सुझाव दिया जा रहा है। वर्तमान में दोनो बालक (लव और कुश) स्वास्थ है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक के अथक प्रयास एवं दृढ संकल्प के साथ क्रियान्वयन कर लोगों की सोच और धारणाओं में परिवर्तन लाने का विशेष प्रयास किया जा रहा है।

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