रायपुर: हमें इस समय आत्मबल और संयम की आवश्यकता है। लोगों के मन में कोरोना को लेकर भय की स्थिति है। लोगों को भयमुक्त करें और जागरूक करें। यह याद रखें कि मानव ने बड़ी-बड़ी बीमारियों और विपदा का सामना किया है और विजय भी प्राप्त की है। अभी मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने की ज्यादा आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एकजुटता और दृढ़ इच्छाशक्ति से इसका सामना करते हुए कोरोना संक्रमण को हराने का आह्वान किया है। निश्चित ही इस बीमारी पर हम विजय प्राप्त कर सकेंगे। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज युवा चेतना संस्था द्वारा ‘‘कोरोना और ग्रामीण भारत” विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शुरूआत में स्थिति गंभीर थी। उस समय शासन प्रशासन ने एकजुट होकर प्रयास किया और आज प्रदेश में कोरोना संक्रमण की द्वितीय लहर पर नियंत्रण की स्थिति में आ रही है।
राज्यपाल ने युवा चेतना संस्था के संयोजक रोहित सिंह एवं संस्था के सदस्यों द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान किए गए कल्याणकारी कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण के कमजोर होने के बाद सभी निश्चिंत हो गये थे कि कोरोना चला गया। परन्तु धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण ने फिर से पैर पसारना शुरू किया और संक्रमण एक झंझावत के रूप में सामने आया। यह शहरों में अपना भयानक रूप दिखाया। धीरे-धीरे यह गांव की ओर बढ़ना शुरू किया और कई गांवों में फैल गया। चूंकि गांवों में जागरूकता के अभाव में इस संक्रमण के प्रति ग्रामीण अनभिज्ञ थे और कोरोना से बचाव के नियमों को अनदेखी करते रहे। शुरूआत में इसके लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया और संक्रमण फैलता गया।
सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी पिछले दिनों हुई बैठक में इसे अदृश्य दुश्मन करार देते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक जांच करने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया था। देश के आधे से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। अतः हमें गांवों में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि कई गांव ऐसे भी हैं जहां पर संक्रमण पहुंच नहीं पाया क्योंकि वहां के लोग इतने जागरूक हैं कि उन्होंने बेरिकेट लगाकर बाहरी लोगों की आवाजाही रोकी और पर्याप्त सावधानी बरती।
राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग प्राकृतिक जीवन जीते हैं। अतः संक्रमण से वहां के लोग को अधिक प्रभावित करने की संभावना कम रहती है। लेकिन दूसरे चरण में कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप के कारण कई लोग प्रभावित हुए। इसलिए सबसे अधिक आवश्यकता है कि हम कोरोना के प्रति अधिक से अधिक जागरूक हों, मास्क का निरंतर उपयोग करें, मास्क थ्री लेयर हो और उसे उचित ढंग से पहने जिससे नाक और मुंह ढंके रहे। कपड़े के तीन-चार मास्क रखें और उसे अच्छी तरह धोकर दोबारा उपयोग करें, हाथों को बार-बार धोते रहें। सामाजिक दूरी का पालन करें, किसी कार्यक्रम-आयोजनों से परहेज करें।
उन्होंने पंच-सरपंचों, समाज प्रमुखों से आग्रह किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीके को लेकर एक भ्रम की स्थिति है। अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करें और टीके के उस भ्रम को दूर करें और उन्हें बताएं कि कोरोना से बचने का कारगर उपाय वैक्सीन ही है। वैक्सीन लगाने के बाद भी कोरोना से बचने के उपायों का पालन करें।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है लेकिन विशेषज्ञों द्वारा तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है, जिसमें बच्चों को प्रभावित करने की आशंका जताई है। बच्चों को हाथ धोने और मास्क के उपयोग की जानकारी दें। यह याद रखें कि दवाई भी और कड़ाई भी’’ इस मंत्र को अपनाकर हम कोरोना संक्रमण से निजात पा सकते हैं। अब तेजी से वैक्सीन का उत्पादन किया जा रहा है। आने वाले समय में अधिक में अधिक लोगों को वैक्सीन लगाया जा सकेगा।
कार्यक्रम को संत स्वामी अभिषेक ब्रम्हचारी, गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.एस. दुबे, हरिभूमि के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी, पूर्व सांसद गिरीश सांघी, एम्स कल्याण के निदेशक डॉ. रामजी सिंह, डॉ. युगल मिश्रा, एम्स देवघर के निदेशक डॉ. सौरभ वार्ष्णेय, डॉ. जिगणेश रेड्डी, डॉ. अजय सिंह, मनोज गोयल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर युवा चेतना संस्था के संयोजक रोहित सिंह एवं अन्य उपस्थित थे।
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