छत्तीसगढ़

विश्व महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई मे स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से मुस्तैद

रायपुर: विश्व महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई मे स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से मुस्तैद है, लोगों को कहते सुना जा सकता है कि आज के समय मे चिकित्सक  हमारे तारनहार है , जो कोरोना महामारी के सामने दीवार की तरह खड़े होकर समाज व देश के प्रति अपने कर्तव्यों का बखूबी से निर्वहन कर रहे […]

रायपुर: विश्व महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई मे स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से मुस्तैद है, लोगों को कहते सुना जा सकता है कि आज के समय मे चिकित्सक  हमारे तारनहार है , जो कोरोना महामारी के सामने दीवार की तरह खड़े होकर समाज व देश के प्रति अपने कर्तव्यों का बखूबी से निर्वहन कर रहे हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तिल्दा, जिला-रायपुर में पदस्थ डाॅ. पिंकी घृतलहरे अपने कर्तव्यो का निर्वहन करती हुई स्वयं, इनके एक वर्ष का पुत्र एवं पति डाॅ. भुवनेश्वर घृतलहरे तीनों कोरोना पाजिटिव हो गये। डाॅ. पिंकी घृतलहरे कहती है कि चिकित्सा फिल्ङ के होने के बावजूद हम बहुत घबरा गए थे, खासकर एक वर्ष के पुत्र के बारे में ज्यादा चिंता होने लगी परन्तु धैर्य और हिम्मत और सकारात्मक सोच के साथ हम तीनों होम आइसोलेसन में हैं और एक सप्ताह मे ही होम आइसोलेशन के गाइडलाइन के सही तरीके से पालन करने से स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। आइसोलेशन की अवधि पूर्ण होते ही फिर से अपनी ड्यूटी पर दोगुनी ऊर्जा के साथ उपस्थित होकर, किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है, कर्तव्य मार्ग से पीछे नहीं हट सकती, भारत को कोरोना मुक्त करने मे सहभागी बनूँगी।

स्वयं पाजिटिव,  होम आइसोलेशन मे रहने के बावजूद भी होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना पाजिटिव मरीजों का इलाज एवं चिकित्सकीय परामर्श लगातार कर रही है। डॉ. पिंकी घृतलहरे कहती है कि मरीजों की सेवा करना हमारा फर्ज है ।

इनके पति डॉ भुवनेश्वर घृतलहरे होम आइसोलेशन कन्ट्रोल रुम रायपुर में सेवारत हैं। वे कहते है कि जन मानस की सेवा करने का अवसर है। इस कोरोना महामारी को रोकने के लिए यथा संभव जतन करने के लिए सन्कल्पित है। मार्च 2020 से अब तक कोरोना महामारी के रोकथाम एवं बचाव, तथा कोरोना मरीजों को आवश्यक चिकित्सकीय उपचार परामर्श में लगातार लगे हुए हैं।

ऐसे है कोरोना योध्दा डॉ दंपत्ति अपने कर्तव्यों के प्रति ऐसी लगन‌ है‌कि बच्चों की केयर के लिए मिलने वाली छुट्टी भी नहीं लिया, और निरन्तर कर्तव्य पथ पर डटे रहे।

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