छत्तीसगढ़

समूह की महिलाओं के लिए गौठान बने आजीविका के केन्द्र

महासमुंद: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना के नरवा गरवा घुरवा बारी अन्तर्गत जिला महासमुंद के विकासखण्ड बसना के ग्राम नवागॉव ग्राम पंचायत गनेकेरा में गौठान निर्माण 3 एकड़ की और पशुओं के चारागाह के लिए 10 एकड़ है । नवागॉव में पशुओं की संख्या 222 है जिसमें से 90 – 110 पशु रोज़ाना नव […]

महासमुंद: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी योजना के नरवा गरवा घुरवा बारी अन्तर्गत जिला महासमुंद के विकासखण्ड बसना के ग्राम नवागॉव ग्राम पंचायत गनेकेरा में गौठान निर्माण 3 एकड़ की और पशुओं के चारागाह के लिए 10 एकड़ है । नवागॉव में पशुओं की संख्या 222 है जिसमें से 90 – 110 पशु रोज़ाना नव निर्मित गौठान में आते है । गौठान में मवेशियों को धूप से राहत के लिए बड़ी संख्या में छाया और फलदार पौधों का रोपण भी किया गया है। घुरवा के अंतर्गत 20 नग वर्मी बेड लगाए गए और 10 नग वर्मी कॉम्पोस्ट टेंक निर्माण किया गया है जिसमें बिहान महिलाओं द्वारा वर्मी खाद केचुआ के माध्यम से खाद तैयार किया जा रहा है ।

अभी हाल ही में भगवती महिला स्व सहायता समूह द्वारा वर्मी खाद 126 क्विंटल उत्पादन किया। जिसे उद्यानिकी विभाग द्वारा 107000 रुपए का वर्मी खाद ख़रीदा गया। इसके अलावा समूह द्वारा कुक्कुट पालन पालन भी किया जा रहा है। इससे उनकी अतिरिक्त आमदनी हो रही है। 

वही गौठान में एक और ज्योति महिला स्व सहायता समूह द्वारा ने भी वर्मी खाद 44 क्विंटल उत्पादन किया जिसे प्रति किलो 10.00 रुपए की दर से 44000 रुपये का लाभ कमाया। जिसमें इन महिलाओं की आर्थिक आय में वृद्धि और रोजगार मिल रहा है। कस्तुरबा महिला स्व सहायता समूह द्वारा साग सब्जी उत्पादन कर बिक्री कर अलग से मुनाफ़ा कमा रही है । गौठानो को आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहाँ समूह की महिलाओं को उनकी अभिरुचि और स्थानीय बाज़ार माँग के अनुसार प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोज़गार से जोड़ा जा रहा है। मुर्गी पालन, साग सब्जी , पूरक पोषण- आहार के साथ-साथ आटा चक्की मशीन से गेहूंध् चावल का आटा पीसने कार्य किया जा रहा है। 

इन महिलाओं की आय में वृद्धि एवं रोजगार मिल रहा है। गौठान प्रबंधन समिति की साप्ताहिक बैठक सभी सदस्य की उपस्थिति में किया जाता है जिसमें गौठान एवं चारागाह से संबंधित उचित निर्णय लिया जाता है। गौठान में चरवाहा द्वारा पशुओं को प्रतिदिन गौठान में ले जाया जाता है। गौठान बनाने से महिला स्व सहायता समूह को अनेक प्रकार की आजीविका गतिविधियों में लाभ एवं रोजगार प्राप्त हो रहा है। गौठान में गोधन न्याय योजना से पशुपालको की गोबर को गौठान प्रबंधन समिति द्वारा खरीदी की जा रही है ।

Comment here